मुरादाबाद। पीतलनगरी में बैठ कर देश के विभिन्न राज्यों व शहरों के करीब 200 लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाले छह साइबर ठग गुरुवार को जेल भेज दिए गए। हत्थे चढ़े आरोपियों में जीजा व साले के अलावा एक युवती भी शामिल है। ठगों के कब्जे से इलेक्ट्रॉनिक सामान के अलावा बैंक संबंधित कागजात व प्रपत्र के साथ ही एक चार पहिया वाहन भी पुलिस ने बरामद किया है। सिविल लाइंस पुलिस व एसओजी को एसएसपी ने 25,000 रुपये नकद इनाम देने की घोषणा की है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने बताया कि सीओ सिविल लाइन अनूप कुमार के नेतृत्व में सिविल लाइंस पुलिस व एसओजी की टीम ने साइबर ठगों के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपियों के कब्जे से दो सीपीयू ,दो मॉनिटर, दो यूपीएस, दो कीबोर्ड, तीन माउस छह लीड वायर, नौ लैपटॉप, तीन वाईफाई डिवाइस, 39 मोबाइल फोन, पांच चार्जर, दो आधार कार्ड, दो पासबुक, एक चेक बुक, तीन पैन कार्ड, दो एटीएम तथा 35 रजिस्टर, 69 विजिटिंग कार्ड, 15 फर्जी स्टांप की प्रतियां, एक डीएल, एक क्रेडिट कार्ड, तीन बिल व एक चार पहिया कार बरामद हुई है।
साइबर ठगी के आरोपी रवि चौधरी पुत्र महेंद्र चौधरी निवासी सदीक नगर थाना सैफ़नी रामपुर, अनिकेत गौतम पुत्र मनोज कुमार निवासी दिल्ली रोड मझौली गली नंबर-एक थाना मझोला, रवि कुमार पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी ग्राम गुरैठा थाना पाकवाडा, लाखेंद्र सिंह पुत्र रामचंद्र निवासी ग्राम होसपुरा थाना डिलारी, अमन खन्ना पुत्र राजेश खन्ना निवासी बुद्धि विहार थाना मझोला, स्वाति गौतम पुत्री जयप्रकाश निवासी लाइनपार रामलीला ग्राउंड कुंदनपुर थाना मझोला के खिलाफ साजिश के तहत धोखाधड़ी व ठगी करने के आरोप में अभियोग पंजीकृत करते हुए पुलिस ने सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। गिरोह में शामिल तालेबर सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी अहमदनगर पछतावा जिला संभल फिलहाल फरार है। पुलिस उसकी तलाश में है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ठगी के कारोबार का मास्टरमाइंड रवि चौधरी है। रवि चौधरी व स्वाति तालेबर के जाॅब परामर्श सेंटर में नौकरी करते थे। दोनों ने वहां साइबर ठगी का तरीका सीखा। जिन नंबरों पर कॉल की जाती थी उनका डाटा तालेबर को पैसे देकर लेते थे। शहरों की हाई सोसाइटी कॉलोनी, माल व शॉपिंग काम्पलेक्स में प्रयोग की जाने वाले रजिस्टर एप के माध्यम से डाटा प्राप्त करते थे। सोशल साइट फेसबुक, इंस्टाग्राम व ओएलएक्स पर सस्ते लोन का विज्ञापन चलाते थे। झांसे में आए व्यक्तियों के मोबाइल नंबर पर संपर्क करते थे।
डाटा प्राप्त होने पर कॉल सेंटर से लड़कियों के माध्यम से लोन की काल कराई जाती थी। कथित शर्तों पर जब ग्राहक लोन लेने की सहमति देता था तब उससे आधार कार्ड व पैन कार्ड मांगा जाता था। लोन की प्रक्रिया पूरी करने के नाम पर 10 प्रतिशत धनराशि जमा करा के लोन अनुमोदन का मैसेज भेजते थे। काल सेंटर की एक लड़की एक दिन में सिर्फ 10 से 20 मोबाइल नंबरों पर ही कॉल करती थी। नौकरी का लालच देकर शहर की 21 बेरोजगार लड़कियों का इस्तेमाल साइबर ठगों ने किया। रवि चौधरी लाखेंद्र सिंह का जीजा है। रवि व स्वाति कॉल सेंटर पर काम करने वाले सभी स्टाफ को प्रशिक्षित करते थे। पुलिस की जांच में पता चला है कि गौतमबुधनगर, रामपुर, गुजरात, भोपाल, हरियाणा, देहरादून, छत्तीसगढ़, राजस्थान, चंडीगढ़ व गाजियाबाद शहर के लोग साइबर ठगों का निशाना बन चुके हैं।