बेगमपुल पर अतिक्रमण से हालात बदतर, अतिक्रमण हटाओ अभियान सिर्फ रस्म अदायगी ही रहा

Update: 2022-12-31 12:45 GMT

मेरठ: सड़कें अतिक्रमण मुक्त होने के साथ ही स्वच्छ हों तो उस शहर की सूरत अपने आप बदल जाती है। शिकायत पर अतिक्रमण के खिलाफ पूरे शहर में अभियान चलाया गया। नतीजा यह रहा कि शहर की तंग कही जाने वाली सड़कें चौड़ी दिखने लगीं और जाम की समस्या भी काफी हद तक कम हो गई, लेकिन उसके बाद पुलिस का यह अभियान धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला गया और शहर की सड़कें फिर से अतिक्रमण की चपेट में आ गईं।

बेगमपुल का अतिक्रमण हटाना शायद किसी के बस की बात नहीं है, जो एक स्थान से हटता है तो दूसरे स्थान पर शुरू हो जाता है। मेरठ निवासी एक व्यापारी की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ को टैग करते हुए ट्वीट करने के बाद एडीजी के आदेश पर ट्रैफिक पुलिस ने नगर निगम की टीम को साथ लेकर जीरो माइल से बेगमपुल चौराहे तक अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया, लेकिन अब इसका स्थान बदलकर बेगमबाग रोड हो गया है, जहां थ्री व्हीलर और ई-रिक्शा चालकों ने अपना कब्जा कर लिया है। शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के तमाम दावों के बावजूद लोग कभी चौराहों पर तो कभी शहर की मुख्य सड़कों पर जाम से जूझ रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस वाहनों का दबाव बढ़ने का बहाना बनाकर हाथ खड़े कर देती है। जबकि जाम लगने का प्रमुख कारण सड़कों पर फैला अतिक्रमण है। हालात ये हैं कि अतिक्रमण के चलते चौड़ी सड़कें भी गलियों जैसी दिखने लगी हैं।

जीरो माइल चौराहे पर अवैध तरीके से आॅटो और ई-रिक्शा खड़े होने से जाम की समस्या पैदा होती है। जीरो माइल चौराहे से लेकर बेगमपुल तक यही हाल है। सड़क के दोनों तरफ दुकानदारों ने सामान रखकर सड़क तक कब्जा कर लिया जाता है। फड़ और अवैध तरीके से ठेले भी लगे हुए हैं। पास ही ट्रैफिक पुलिस वाहनों की चेकिंग करती रहती है, लेकिन अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं करती है। लालकुर्ती पैंठ बाजार फिर से बीच सड़क पर लगनी शुरू हो गई है। गौरतलब है कि एक दिन पूर्व ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम की टीम ने जीरो माइल से लेकर बेगमपुल चौराहे तक हर समय सड़क को घेरकर खड़े रहने वाले थ्री व्हीलर और ई-रिक्शाओं को हटवाया था। इस कार्रवाई के बाद से शुक्रवार को भी बेगमपुल क्षेत्र काफी खुला-खुला नजर आया, लेकिन अंतर इतना आया है कि अब जीरो माइल से लेकर बेगम पुल तक खेड़े होने वाले टेम्पो और ई-रिक्शा चालकों ने बेगमबाग वाले रोड पर अपने वाहन खड़े करके वही हालात बना दिए हैं। वहीं, लालकुर्ती पैंठ बाजार में शुक्रवार को आम दिनों जैसे ही ठेले खड़े दिखाई दिए। जिसको देखकर नागरिक हैरान हैं। उनका कहना है कि बेगमपुल क्षेत्र को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त करने और टेम्पो और ई-रिक्शा के संचालन के संबंध में रणनीति बनाए जाने की जरूरत है।

शायद पुलिस को नहीं दिखता शहर में अतिक्रमण: शासन के निर्देश हैं कि अतिक्रमण के खिलाफ ट्रैफिक और थाना पुलिस मिलकर काम करें, लेकिन शहर के थानेदार हो या चौकी इंचार्ज या फिर फैंटम पुलिस, इन्हें गश्त के दौरान कहीं भी अतिक्रमण नहीं दिखता। कहीं जाम दिखता है तो जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस की मानकर मुंह मोड़ लेते हैं। शहर में सार्वजनिक स्थानों पर कहीं पार्किंग नहीं है। सड़क पर ही अवैध तरीके से वाहन खड़े होते हैं, जिनसे जाम लगता है।

कुछ घंटे की सख्ती, अतिक्रमण जस का तस: पुलिस शहर में जब भी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाती है तो कुछ घंटों तक ही सख्ती रहती है। उसके बाद फिर से सड़कों पर अतिक्रमण जस का तस हो जाता है। ट्रैफिक पुलिस भी अभी तक कोई ठोस प्लान नहीं बना पाई है। जिसके चलते बेगमपुल फिर से अतिक्रमण की जद में आ गया। जिससे अतिक्रमण हटाओ अभियान सिर्फ दिखावा बनकर ही गया है।

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