कानपुर हिंसा में एसआईटी के हाथ लगे बड़े सुराग, भाड़े के पत्थरबाज यूपी के कई इलाके से बुलाए गए थे

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Update: 2022-06-14 15:01 GMT

नई दिल्ली: पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्प्णी के बाद यूपी के कानपुर में बवाल हुआ था. इस मामले की जांच कर रही एसआईटी के हाथ अहम सुराग हाथ लगे हैं. इससे पता चलता है कि 3 जून को कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा गहरी साजिश का हिस्सा थी. इस साजिश में हवाला के जरिए फंडिंग हुई थी और भाड़े के पत्थरबाजों को बुलाया गया था. कानपुर हिंसा की जांच कर रही एसआईटी को मुख्य साजिशकर्ता जफर हाशमी से पूछताछ में ये अहम जानकारियां हाथ लगी है.

नाम ना छापने की शर्त पर जांच से जुड़े एक पुलिस अफसर ने बताया कि 48 घंटे की रिमांड के दौरान जफर हाशमी ने माना कि 3 जून को हुई हिंसा के लिए उसने भाड़े के पत्थरबाजों को उन्नाव और कानपुर के इलाकों से बुलाया था. जिन इलाकों से ये भाड़े के पत्थरबाज बुलाए गए थे, उसमें उन्नाव का शुक्लागंज, कानपुर का जाजमऊ बाबू पुरवा और कल्याणपुर इलाके हैं. इन इलाकों से आने-जाने का खर्च और 500 से 1000 रुपये देकर भाड़े पर इन नौजवान लड़कों को बुलाया गया था.
एसआईटी जफर हयात हाशमी, उसके संगठन और परिवार से जुड़े पांच बैंक खातों को खंगाल रही है. एसआईटी को शक है कि बैंक खातों के बजाय फंडिंग हवाला के जरिए भी की गई. जफर की कुंडली खंगालने में जुटी एसआईटी को जानकारी मिली है कि वह छात्र जीवन में सिमी का सदस्य रहा है. उसी सिमी के नेटवर्क से वह मौजूदा वक्त में पीएफआई के भी कुछ सदस्यों के संपर्क में आया था.
कानपुर के जिस इलाके में हिंसा हुई, वहां स्थित चंद्रेश्वर हाता पर कानपुर के कई नामी-गिरामी बिल्डरों की नजर है. जफर हाशमी और उसकी एसोसिएशन को फाइनेंस करने वाले भी कानपुर के कई नामी-गिरामी बिल्डर रहे हैं. अब कानपुर पुलिस हाशमी और बिल्डर के कनेक्शन को खंगाल रही है कि कहीं बिल्डरों ने कानपुर में हुई हिंसा को फाइनेंस चंद्रेश्वर हाता खाली कराने के लिए तो नहीं किया था.
अब तक की जांच में आए इन नए तथ्यों को देखते हुए कानपुर पुलिस जफर हयात हाशमी के दोबारा पुलिस कस्टडी रिमांड लेने की तैयारी में जुट गई है. माना जा रहा है कि अगले सप्ताह कानपुर पुलिस एक बार फिर जफर की कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी देगी. इस संबंध में कानपुर के जेसीपी लॉ एंड आर्डर आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि गहराई से जांच की जा रही है. एसआईटी को कुछ तथ्य मिले हैं, जिनके आधार पर जफर से दोबारा पूछताछ की जरूरत पड़ सकती है. एसआईटी को जरूरत होगी तो दोबारा रिमांड ली जाएगी.
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