एसआईटी ने सिख दंगे को लेकर तीन और आरोपियों को किया गिरफ्तार, अब तक सलाखों के पीछे पहुंचे 22 आरोपी

Update: 2022-07-14 13:31 GMT

कानपूर न्यूज़: सिख दंगा 1984 की जांच कर रही एसआईटी दिनों दिन कार्रवाई की जद में आरोपियों की गिरफ्तारी कर रही है। गुरुवार को भी तीन आरोपियों को एसआईटी ने गिरफ्तार किया है। अब तक 22 आरोपियों को एसआईटी ने गिरफ्तार किया है और बाकी बचे 52 आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का दावा किया गया है। 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उपजे हालात पर कानपुर में भी दंगा भड़क गया था और 127 सिखों की हत्या हो गई थी। हत्याकांड के बाद दर्ज हुए मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई थी। इसके बाद से सिख समुदाय एसआईटी जांच की मांग कर रहा था और उत्तर प्रदेश सरकार ने 2019 में एसआईटी का गठन कर दिया। एसआईटी ने जांच पूरी कर ली और 94 लोगों को आरोपित माना गया। इनमें 20 की मौत हो चुकी है, बचे हुए 74 आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बराबर प्रयास किया जा रहा है। एसआईटी ने गुरुवार को भी तीन और आरोपियों की गिरफ्तारी की। इस प्रकार सिख दंगा मामले में अब तक 22 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

एसआईटी के डीआईजी बालेन्दु भूषण सिंह ने गुरुवार को बताया कि जांच में 14 मुकदमों में गवाह मिल गए हैं और नौ मुकदमों में चार्जशीट लगाई जानी है। अब तक 147 गवाहों के बयान लिये गए हैं। गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है। आज जो गिरफ्तारी हुई है उनमें चंद्र प्रताप सिंह पुत्र शिवप्रताप सिंह निवासी जी बी ब्लॉक पनकी उम्र 67 वर्ष, गुड्डू उर्फ अनिल निगम पुत्र रामभजन निगम निवासी बी ब्लाक पनकी व मूल निवासी बांदा उम्र 61 वर्ष, रामचंद्र पाल पुत्र सय्यदीन पाल निवासी दबौली कानपुर उम्र 66 वर्ष हैं।

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