मेरठ: सर्दी की पहली बारिश ने लोगों को जहां सर्दी का फिर से अहसास करा दिया वहीं नगर निगम की पोल भी खोल दी। बदहाली का आलम यह था कि जगह-जगह नालों से निकाली गई सिल्ट बारिश के कारण जहां सड़कों पर फैल गई वहीं लोगों के लिये दुर्घटना का कारण बन गई।
मौसम विज्ञानियों की भविष्यवाणी सही साबित हुई। शनिवार की रात से शुरु हुई बारिश रविवार को दिन भर रिमझिम के रुप में लोगों को सर्दी का अहसास कराती रही। पहाड़ी क्षेत्रों में बने मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के चलते मेरठ में मौसम बदल गया। कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी और तेज हवा चली। वहीं मेरठ में इस बार अभी तक जनवरी माह में 85.8 मिमी बारिश हो चुकी है।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि 1980 के बाद जनवरी माह में इतनी बारिश कभी नहीं हुई। रविवार की सुबह बदली छाई रही। जिस कारण से दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। शाम चार बजे से मौसम एकबारगी खराब हुआ और आसमान पर छाये बादलों ने एकबारगी मूसलाधार बारिश का रुप ले लिया। बारिश बमुश्किल आधा घंटे ही हुई, लेकिन इसने नगर निगम की पोल खोलकर रख दी।
घंटाघर से लेकर छतरी वाले पीर तक सड़क के किनारे नाले से निकाली गई सिल्ट ने वाहन चालकों के पसीने निकाल दिये। सड़क पर कूड़ा फैलने के कारण फिसलन हो गई और कई दोपहिया वाहन चालक गिर गए। बागपत रोड पर तेज बारिश के कारण मुल्तान नगर चौकी से लेकर ऋषि नगर तक सड़क पर जलभराव की समस्या खड़ी हो गई। सीमेंट के गोदामों के सामने पानी भरने से दोपहिया वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इसी तरह हापुड़ अड्डे से लेकर भूमिया पुल की की खस्ताहाल सड़क पर जलभराव होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दिल्ली रोड पर रैपिड के कारण जगह जगह जल भराव हुआ। हालांकि बारिश रुकते ही थोड़ी देर में जलभराव की समस्या से लोगों को निजात भी मिल गई। बारिश और बिजली गुल होने से महानगर वासियों को ज्यादा परेशानी हुई।