Siddharth Nagar के ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा
"मुकेश चंद्राकर की हत्या निंदनीय"
सिद्धार्थ नगर: देश भर में पत्रकारों के ऊपर हो रही हिंसा काफी लज्जा जनक है। कुछ इसी प्रकार से मुकेश चंद्राकर की हत्या निंदनीय है। जिसे लेकर सिद्धार्थनगर के ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। जब देश के लोग अपने घरों में चैन की नींद ले रहे होते हैं तो एक पत्रकार देश के कोने-कोने में जाकर गांव से लेकर शहरों की ज़मीनी हकीकत दिखाता और घर में चैन की नींद ले रहे लोगों तक उस हकीकत को निष्पक्ष ढंग से पहुंचाता है। चाहे सर्दी, गर्मी या बरसात कोई भी मौसम हो उसे अपना लक्ष्य दिखाई देता है और खबरों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास करता है। लेकिन जब उसी पत्रकार के साथ कुछ ऐसी घटना घटित हो जाती है तो वह सोचने पर मजबूर कर देती है।
छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या के बाद आक्रोशित पत्रकारों ने सिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय पर एकजुट होकर पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग उठाई। इस मांग को लेकर ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष आलोक श्रीवास्तव के नेतृत्व में करीब दो दर्जन पत्रकारों ने जिलाधिकारी (डीएम) को ज्ञापन सौंपा और इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए मुआवजे और कठोर कार्रवाई की मांग की ज्ञापन में उठाई गई प्रमुख मांगें मुकेश चंद्राकर की हत्या के दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर सजा दिलाई जाए। इसके साथ ही उनके परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा प्रदान किया जाए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए उत्तर प्रदेश के प्रेस मान्यता नियमावली में संशोधन कर पत्रकारों की सुरक्षा के लिए उपबंध शामिल किया जाए।
उत्तर प्रदेश में पत्रकार आयोग का गठन किया जाए और मान्यता प्राप्त सभी पत्रकार संगठनों को इसमें प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान किया जाए सरकार पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए और प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा हेतु प्रतिबद्ध रहे सरकार पत्रकारों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करे ताकि वे बिना किसी डर के अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सकें और सत्य को सामने ला सकें।
ज्ञापन में पत्रकारों का कहना था कि “हम सभी ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन सिद्धार्थनगर के पदाधिकारी और सदस्य छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से अत्यंत दुखी और आहत हैं। यह घटना न केवल पत्रकारिता जगत, बल्कि समाज के लिए भी एक गहरा सदमा है। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि पत्रकारों को अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपनी जान का जोखिम उठाना पड़ रहा है। पत्रकारों ने इस घटना के बाद सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की है, ताकि पत्रकारों को उनके काम करने के दौरान सुरक्षा का एहसास हो सके।