हस्तिनापुर न्यूज़: मकदूमपुर गंगा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले गंगा स्नान मेला पिछले वर्षों की तुलना में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अधिक भव्य, आरामदायक होने के दावे कर रहे जिला पंचायत की कछुआ गति से चल रहे मेले तैयारियों के चलते धाराशाई होता नजर आ रहा है। मेला उद्घाटन को दो दिन शेष रहने के बाद भी अभी तक महिला स्नान घाट के साथ अन्य तैयारियों का भी कहीं अता पता नजर नहीं आ रहा है। जबकि श्रद्धालुओं और दुकानदार का गंगा घाट पर आना शुरू हो चुका है। हिंदू धर्म की आस्था का प्रतीक जिला मेरठ में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मखदूमपुर गंगा घाट पर आयोजित होने वाले मेले का उद्घाटन शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी के हाथों किया जाना है। जिसके चलते जिला पंचायत मेले की तैयारियों में जुटी है। पांच दिन तक आयोजित होने वाले इस मेले को कुछ दिन पूर्व गंगा घाट पर आयोजित हुई जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मेले को ऐतिहासिक बनाने के साथ प्लास्टिक मुक्त बनाने के साथ तमाम व्यवस्थाओं को उद्घाटन से पूर्व पूरा किये जाने के दिशा निर्देश अधिकारियों को दिये थे, लेकिन विभाग की अनदेखी के चलते उनके वादे धाराशाई होते नजर आ रहे हैं। महिला स्नान के लिए बनने वाले 15 स्नान घाटों का अभी तक कोई अता पता नहीं हैं। मेला स्थल पर दर्जनों दुकाने तो सज गई हैं, लेकिन मेला स्थल पर दुकानदारों को अभी तक धूल फांकनी पड़ रही है। मेले में दुकान लगाने आये सुधीर, बिजेन्द्र, राजबीर, शिवचरण आदि का कहना है कि सड़कों पर पानी के छिड़काव की उचित व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते उन्हें मेले में धूल फांकनी पड़ रही है। साथ ही पीने के पानी की व्यवस्था के लिए नल तक नहीं लगाये गये।
सुरक्षा के होंगे पुख्ता इंतजाम: मकदूमपुर गंगा घाट पर पांच दिन तक आयोजित होने वाले ऐतिहासिक मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जायेंगे। थानाध्यक्ष थाना हस्तिनापुर राजवीर शर्मा का कहना है कि ऐतिहासिक मेले को सुरक्षित बनाने के लिए 1 कम्पनी पीएसी, एपी गार्ड, 2 टीयर गैस, 16 उपनिरीक्षक, 53 हेड कांस्टेबल, 26 महिला कांस्टेबल, 25 टीआई, 6 घुड़सवार, 3 फायर टैंकर, 1 सशस्त्र गार्ड, 5 तैराकों की व्यवस्था की गई है। जिनमें से पीएसी, एपी गार्ड व टीयर गैस मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए शुक्रवार को थाने पहुंचेंगे।
मासूमों के हाथों में मेले की विद्युत व्यवस्था: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाले गंगा मेले के बजट महुगाई साथ बढ़कर 47 लाखों हो गया। मेले को ऐतिहासिक बनाने के लिए अधिकारी तमाम वाद कर रहे हैं, लेकिन मेले व्यवस्थाओं की ओर किसी का ध्यान नहीं है। मेले का बजट बढ़ने के बाद भी मेले में अव्यव्स्थाओं को बोलबाला है। बुधवार को मेले में विद्युत व्यवस्था को चरम पर थी, लेकिन इतनी अहम व्यवस्था मासूम बच्चों के हाथों में सुनकर चौकाने वाली बात है, लेकिन यह हकीकत है। मवाना निवासी 16 वर्षीय युवक ने अपना नाम जनवाणी संवाददाता को नहीं बताया, लेकिन बताया कि वह 350 रुपये की मजदूर पर मेले की विद्युत व्यवस्था की देखरेख में है। ऐसे में अधिकारियों के तमाम सख्त निर्देश भी धराशाई होती नजर आ रही है।
गंगा की मुख्य धारा तक नहीं पहुंच सकेंगे श्रद्धालु: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मखदूमपुर गंगा घाट पर मेला कई दशक से आयोजित होता आ रहा है। मेले में आने वाले श्रद्धालु प्रतिवर्ष आस्था की डुबकी गंगा में लगाते आ रहे हैं, लेकिन इस साल ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। जिला पंचायत की व्यवस्थाओं को देखे तो मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को गंगा के मुख्य स्रोत में स्नान कर आस्था की डुबकी गंगा में लगानी पड़ेगी।