बरेली न्यूज़: कुतुबखाना फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है. यहां न तो लेबर सुरक्षा उपकरणों के साथ काम कर रहे हैं और न ही हादसे होने के बाद बचाव का कोई इंतजाम है.
फ्लाईओवर निर्माण में ऊपर से नीचे तक लोहे के जाल लगे हैं. ऊपर से हाईटेंशन लाइनें गुजर रही है. रात में समय में कार्यदायी कंपनी की लेबर काम कर रही है. फ्लाईओवर के नीचे ठेला पटरी वालों की दुकाने लग रही हैं. राहगीरों का आवागमन है. ऐसे में निर्माणाधीन पुल से कब शटरिंग या कोई भारी चीज गिर जाये कहा नहीं जा सकता. खतरे के बाद भी कार्यदायी संस्था व सेतु निगम के अधिकारियों की नींद नहीं खुल रही है. कुमार टाकीज से जिला अस्पताल होते हुए घंटाघर की ओर निर्माणाधीन फ्लाइओवर के नीचे लगी दुकानों के पास कोई खाना खाने के लिए तो कोई चाय पीने के लिए खड़ा रहता है. अब सवाल यह उठता है कि इन दुकानदारों को यहां दुकानें लगाने की परमिशन किसने दी है.
सख्ती पर भी फ्लाईओवर के नीचे नहीं हटा अतिक्रमण
कमिश्नर, डीएम से लेकर नगरायुक्त ने कुतुबखाना फ्लाईओवर निर्माण के दौरान अतिक्रमण हटाने को लेकर सख्त निर्देश दिए थे. सिटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में टीम भी बनी, पर एक दो दिन अभियान चलाकर इतिश्री कर ली गई. जहां निर्माण चल रहा, वहां अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है.
सुपरवाइजर के भरोसे काम
बीम रखने और शटरिंग आदि कार्य किस मानक से हो रहे ये देखने वला कोई नहीं. शटरिंग के दौरान जेई या एई आदि मौजूद रहे पर यहां तो सिर्फ सुपरवाइजर के भरोसे पूरे शटरिंग कार्य छोड़ दिया गया. सेतु निगम के अधिकारियों का तर्क यह भी है कि सड़क पर बैरिकेडिंग है. इसके बाद भी आवागमन से दिक्कत आ रही है.
लाइन शिफ्टिंग में देरी
कुमार टाकीज से जिला अस्पताल रोड तक पिलर पर शटरिंग चल रहा है. कार्यदायी कंपनी का एक ही रोना है बिजली की लाइन शिफ्ट नहीं हो पाई है. बिजली की लाइनें शिफ्टिंग का काम धीमा चल रहा है.
कार्यदायी संस्था से सावधानी बरते हुए काम करने व फ्लाईओवर के ऊपर बिजली लाइनें शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं. अतिक्रमण हटाने को संबंधित विभाग से कहा है. - निधि गुप्ता वत्स, नगरायुक्त