गाजियाबाद न्यूज़: डीसीपी सिटी ने कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में नंदग्राम एसएचओ बिजेश सिंह को निलंबित कर दिया. बताया जा रहा है कि एसएचओ महिला विरुद्ध अपराध के मामलों में लापरवाही बरत रहे थे और साथ ही अधिकारियों द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन भी नहीं कर रहे थे. निकाय चुनाव की आचार संहिता हटते ही हुई इस कार्यवाही से पुलिस महकमे में हड़कंप की स्थिति है. फिलहाल नंदग्राम थाने में नए एसएचओ की तैनाती नहीं हुई है.
डीसीपी सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि नंदग्राम थाने के एसएचओ बिजेश सिंह की कार्यशैली को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं. वह महिला विरुद्ध अपराध के मामले में लापरवाही बरत रहे थे. थाने में आने वाले फरियादियों की जनसुनवाई भी संतोषजनक नहीं कर पा रहे थे. इसके अलावा एसएचओ को कुछ दिशा-निर्देश भी दिए गए थे, जिनका पालन उन्होंने नहीं किया.
डीसीपी ने बताया कि एसएचओ अपने थानाक्षेत्र में होने वाली आपराधिक घटनाओं को रोकने में भी नाकाम थे. इन सभी बातों को देखते हुए निरीक्षक बिजेश सिंह को निलंबित किया गया है. डीसीपी सिटी का कहना है कि अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बोर्ड की बैठक में तय होगा नए एसएचओ का नाम गाजियाबाद में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद यहां के पुलिस सिस्टम में बदलाव हुआ है.
पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र ने सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक को हटाने, अपने जोन में ट्रांसफर करने तथा विभागीय जांच में दोषी मिलने पर उन्हें दंड देने की शक्ति डीसीपी को दी हुई है. किसी भी थाने के प्रभारी की तैनाती के लिए पुलिस आयुक्त की अध्यक्षता में एक बोर्ड बनाया गया है, जिसमें एडिशनल सीपी और तीनों जोन के डीसीपी सदस्य हैं. बोर्ड की बैठक में मंथन के बाद थाने के प्रभारी का नाम फाइनल होता है.
इसी कड़ी में नंदग्राम थाने के नई प्रभारी के नाम पर भी बोर्ड की बैठक में ही मुहर लगेगी.
एसएचओं के निलंबन के पीछे यह भी चर्चा
एसएचओ के निलंबन के पीछे युवक को अवैध हिरासत में रखकर उससे रकम मांगने की वजह भी चर्चा है. बताया जा रहा है कि एक मामले में कथित रूप से एक युवक को नंदग्राम थाने में हिरासत में रखा हुआ था. युवक को छोड़ने की एवज में उसके परिजनों से घूस मांगी जा रही थी. पीड़ित परिजनों तथा अन्य लोगों ने केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के आवास पर जाकर इस मामले की शिकायत की थी. केंद्रीय मंत्री ने पुलिस आयुक्त को बताया, जिसके बाद मामले की जांच डीसीपी सिटी को दी गई. जांच में आरोप सही साबित होने पर एसएचओ बिजेश सिंह पर निलंबन की गाज गिरी. हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने निलंबन की वजह कार्य में शिथिलता को बताया है.
नंदग्राम थाने के एसएचओ बिजेश सिंह की कार्यशैली को लेकर शिकायतें मिल रही थीं. महिला विरुद्ध अपराध के मामले में लापरवाही बरतने के अलावा फरियादियों की सुनवाई भी संतोषजनक तरीके से नहीं कर रहे थे. दिशा-निर्देशों की भी अनदेखी की.-निपुण अग्रवाल, डीसीपी सिटी
बड़े पैमाने पर तबादले होंगे
निकाय चुनाव से पहले कमिश्नरेट में सिपाही से लेकर निरीक्षक स्तर के पुलिसकर्मियों के तबादले होने थे, लेकिन आचार संहिता लगने के कारण तबादला सूची जारी नहीं की गई. चर्चा है कि आचार संहिता खत्म होने के बाद कमिश्नरेट में बड़े पैमाने पर तबादले होंगे. इनमें कुछ चौकी इंचार्ज और थाना प्रभारी भी शामिल हैं. तबादला सूची तीनों जोन से जारी हो सकती है.