प्रयागराज। जेल में बंद माफिया अतिक अहमद बेटे की असद के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद से गमजदा है। आज असद को सपूर्द ए खाक कर दिया गया, जिसमें वो शामिल नहीं हो पाया है। ऐसे में अतीक सदमे में है। अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन भी बेटे की सुरक्षा को लेकर चिंतित थी। उसे डर था कि कहीं वह पुलिस के हत्थे ना चढ़ जाए। इसलिए उसने अतीक के खास शूटर गुलाम को उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी दी थी। उसने गुलाम को साफ तौर पर कहा था कि किसी हाल में असद को अकेला नहीं छोड़ना। उसने कहा था कि असद अभी मासूम बच्चा है। शाइस्ता ने गुलाम को इसकी जिम्मेदारी देते हुए कहा था कि उसके साथ रहकर ही उसे बाहर निकालो। इसलिए मामला शांत होने तक उसकी विशेष सुरक्षा की जरूरत है। असद की सुरक्षा के लिए शाइस्ता परवीन ने पति अतीक अहमद से भी बात की। तय हुआ कि असद को कुछ समय के लिए गल्फ कंट्री भेज दिया जाए।
लेकिन पासपोर्ट समेत अन्य अड़चनों की वजह से ऐसा संभव नहीं हो सका। ऐसे में शाइस्ता ने प्रयास किया कि कुछ समय के लिए असद को नेपाल में छिपाया जाए। असद के जनाजे में शामिल न होने देने से अतीक बेहद गुस्से में है। इस गुस्से की वजह से वह पुलिस के सवालों का ठीक से जवाब तक नहीं दे रहा। ज्यादातर सवालों पर वह चुप्पी साध ले रहा है। वहीं किसी किसी सवाल पर बोल दे रहा है कि उसे नहीं मालूम। एक बार तो उसने यह भी कह दिया कि कल ही तो इतनी पूछताछ की थी, आज मुझे बेटे की यादों के साथ तनहा छोड़ दो। उसे इस बात का मलाल है कि जिगर के टुकड़े की हत्या की वजह भी वह खुद है। ऐसे में वह चाहता था कि बेटे के कब्र को वह दो मुट्ठी मिट्टी दे सके। इसके लिए उसने शुक्रवार को रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष अर्जी भी दाखिल की थी, लेकिन वहां से यह अर्जी खारिज हो गई। पुलिस के मुताबिक शनिवार की सुबह जैसे अतीक से पूछताछ शुरू हुई, उसने टेबल पर सिर रख दिया। कहा कि ‘तुम लोगों ने मुझे अपने प्यारे बेटे के जनाजे तक भी नहीं जाने दिया, मैं उसे आखिरी वक्त पर देख भी नहीं पाया। यही कह कर उसने पुलिस के सामने खामोशी साध ली।