मुरादाबाद न्यूज़: सिविल लाइंस इलाके में मनमर्जी से सीवर लाइन डालने का कार्य किया जा रहा है. अधिकारियों के स्तर पर भी काम की मानिटरिंग नहीं की जा रही है. ठेकेदारों के भरोसे काम चल रहा है. किसी की भी कोई जवाबदेही तय नहीं है. सात माह से धूल के गुबार से फेफड़े पहले ही बीमार हो चुके हैं. अब मामूली बारिश में फिसलन होने से टेंशन बढ़ गई है.
इस दौरान शहर के आम लोगों के अलावा कारोबारियों में जबरदस्त आक्रोश नजर आया. उनका कहना था कि बिना सिस्टम के ही पूरे इलाके में सीवर लाइन डालने का कार्य किया जा रहा है. अधिकारी मौके पर आने की जहमत नहीं उठाते हैं. जहां मर्जी आती है वहां खुदाई शुरू कर दी जाती है. दुकान और घरों के आगे गहरी खुदाई होने से कारोबार चौपट हो गया है. बारिश में फिसलन बढ़ने से हादसा होने की भी संभावना गहरा गई है.
सीवर लाइन बिछाने के बाद नहीं भरे जा रहे गड्ढे शहर में सीवर लाइन बिछाने वाली एजेंसी की लापरवाही सामने आ रही है, क्योंकि सीवर लाइन डालने के बाद गड्ढे नहीं भरे जा रहे हैं. रामगंगा विहार के निवासियों द्वारा कई बार अफसरों से शिकायत भी की गई है, लेकिन उसके बाद भी समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है. कुछ स्थानों पर तो गड्ढे इतने गहरे हैं कि जलभराव के बाद बड़ा हादसा कभी भी हो सकता है.
रामगंगा विहार में 28 साल से रह रहा हूं. इतने नारकीय हालात पूर्व में कभी नहीं हुए. सीवर लाइन डालने में प्लानिंग का अभाव है. अधिकारी मौका मुआयना करने की जहमत नहीं उठाते हैं. किसी भी अधिकारी की जवाबदेही तय नहीं की गई है. पब्लिक को कोई भी कुछ बताने के लिए कोई तैयार नहीं है.
- प्रदीप टंडन, क्रिकेट एकेडमी संचालक
सीवर लाइन डालने के काम में लगाए गए इंजीनियरों को गड्ढे खोदना तो सिखाया गया है, मगर बंद करना नहीं. लाइन डालने में मनमर्जी की जा रही है. एक पूरा प्लान तैयार किया जाना चाहिए. पहले एक स्थान पर कार्य कंपलीट किया जाना चाहिए. इसके बाद आगे कार्य हो. जगह-जगह संकेतक भी लगाने चाहिए.
-कमल सपड़ा, कपड़ा कारोबारी