उधार दिए रुपये न लौटाने पर सात वर्षीय बच्ची का अपहरण
बच्ची को महोबा ले जाने के लिए ट्रेन में बैठा और झांसी पहुंच गया
गाजियाबाद: भोवापुर में रहने वाली सात वर्षीय बच्ची का पड़ोसी ने अपहरण कर लिया. वह बच्ची को महोबा ले जाने के लिए ट्रेन में बैठा और झांसी पहुंच गया. इस बीच उसे घटना के बारे में पुलिस को पता चलने की जानकारी हुई तो गाजियाबाद जंक्शन पर लौट आया. रात साढ़े नौ बजे छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से उतरते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया. आरोपी ने बताया कि बच्ची का भाई उधार के पांच हजार रुपये नहीं लौटा रहा था, इसीलिए अपहरण किया था.
डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटील ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी महोबा के बिलवई गांव का रहने वाला मदन है. वह परिवार के साथ भोवापुर में किराये के कमरे में रहता है और पुताई का काम करता है. इसी मकान में कृष्णा गुप्ता भी किराये पर रहते हैं. वह एक कंपनी में मजदूरी करते हैं. कृष्णा की पत्नी और बड़ा बेटा अंकित भी मजदूरी करते हैं.
सात की दोपहर करीब दो बजे तीनों काम पर गए थे. मकान के बाहर कृष्णा की दूसरी कक्षा में पढ़ने सात वर्षीय बच्ची अपने छोटे भाई के साथ खेल रही थी. तभी मदन बच्ची को घुमाने के नाम पर अपने साथ ले गया और सीधा स्टेशन पहुंचकर महोबा के लिए रवाना हो गया. कृष्णा और उनके परिजन शाम को लौटे तो बच्ची नहीं मिली. काफी तलाश की और आसपास के लोगों से पूछा तो एक दुकानदार ने बताया कि मदन बच्ची को ले गया है.
पांच हजार की फिरौती सुन पुलिस हैरान घटना के बाद से मदन भी लापता था, जिस कारण उसे दुकानदार ने फोन किया. मदन ने फोन पर कहा कि पांच हजार रुपये नहीं देंगे, तो बच्ची नहीं मिलेगी. काफी प्रयास के बाद भी आरोपी नहीं माना तो तड़के पुलिस को सूचना दी. अपहरण कर पांच हजार रुपये की फिरौती की बात सुन पुलिस अधिकारी भी हैरान हो गए. हालांकि, परिजन ने थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई तो पता चला कि आरोपी उधार दिए पांच हजार रुपये वापस मांग रहा है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है.