उत्तरप्रदेश | जिले के सात हजार अतिरिक्त किसानों और श्रमिकों को बी-पैक्स सदस्यता का लाभ मिल सकेगा. जिला सहकारी विभाग ने बी-पैक्स अभियान में दिए लक्ष्य के दोगुने सदस्य बनाकर प्रदेश में 11वीं रैंक हासिल की है.
गाजियाबाद ने सहारनपुर व लखीमपुर खीरी जैसे विशाल ग्रामीण क्षेत्र वाले जिलों को पीछे छोड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की. किसानों और श्रमिकों को सहकारी समितियों का समुचित लाभ पहुंचाने के लिए एक को देशव्यापी बी-पैक्स महासदस्यता अभियान की शुरूआत की गई थी. गाजियाबाद में अभियान का शुभारंभ सांसद और केंद्रीय केबिनेट राज्यमंत्री वीके सिंह ने किया था. एक महीने चले अभियान में जिला सहकारी विभाग ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए प्रदेश में 11वीं रैंक हासिल की है.
शासन की ओर से गाजियाबाद सहकारी विभाग को छह हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया था. सहकारी विभाग ने दिए लक्ष्य को पीछे छोड़ते हुए दोगुने से भी अधिक 14 हजार तीन सौ सदस्य बनाए हैं. सहकारी विभाग के प्रयासों के चलते अब जिले में सात हजार अतिरिक्त किसानों और श्रमिकों को सहकारी समिति की सदस्यता का लाभ मिल सकेगा. बी पैक्स यानी बहुउद्देशीय ग्रामीण सहकारी समितियों के खोले जाने की योजना है. जनपद में किसानों को सस्ते दर पर खाद, बीज व सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए 250 सहकारी समितियां संचालित हैं.
कम आबादी होने के बाद भी लक्ष्य को पीछे छोड़ा
दिल्ली का निकटवर्ती होने के कारण गाजियाबाद की अधिकतर आबादी शहरी क्षेत्र में निवास निवास करती है. वर्तमान में जिले की 30 प्रतिशत से भी कम आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रह रही है. इसके बावजूद बी- पैक्स सदस्यता अभियान में जिले ने सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, लखीमपुर खीरी जैसे विशाल ग्रामीण आबादी वाले जिलों को पीछे छोड़ते हुए लक्ष्य को पूरे करके ऊंची रैंक हासिल की है.
बी- पैक्स सदस्यता अभियान में सभी के सहयोग के कारण जिले का प्रदर्शन का बेहतरीन रहा. आने वाले कार्यक्रमों को भी इसी प्रकार सफल बनाया जाएगा.
-श्रद्धा अनंग, सहआयुक्त जिला सहकारी विभाग