पीलीभीत | क्षेत्र के ग्राम बिलहरा में संक्रामक बीमारियों ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। ग्रामीणों की मानें तो बीमारियों की चपेट में आकर पखवाड़ा भर में तीन महिलाओं समेत सात लोगों की मौत हो गई, जबकि कई बीमार हैं।
इन मौत और बीमारियों का शोर बढ़ने पर स्वास्थ्य विभाग ने सुध ली और चार सदस्यीय टीम को गांव भेजा। चेकअप के बाद टीम ने ग्रामीणों को दवा का वितरण किया। सीएमओ डॉक्टर आलोक कुमार ने भी गांव पहुंचकर जानकारी जुटाई। हालांकि मौत की वजह स्पष्ट न होने से असमंजस बना रहा।
गांव निवासी छोटू महावट ने बताया कि सबसे पहले उसकी पत्नी सोनिया देवी संक्रामक रोग की चपेट में आई। पड़ोस के गांव में ले जाकर एक झोलाछाप से इलाज कराया, लेकिन पत्नी की मौत हो गई। महिला की जिन दिन मौत हुई ,उसके कुछ घंटे बाद ही अवधेश कश्यप के पुत्र सोनू की भी मौत हो गई।
सोनू कक्षा छह का छात्र था। इतना ही नहीं उसी दिन रात में गांव निवासी राकेश प्रजापति की चार माह की पुत्री गुड्डी की भी मौत हो गई। 24 घंटे के अंदर तीन मौतों से गांव में मातम छा गया था। बताते हैं कि मौतों का सिलसिला यही नहीं थमा, संक्रामक रोग की चपेट में आने से अगले ही दिन गांव के ही गोपेंद्र महावट की पत्नी की भी मौत हो गई।
इसके बाद प्रभात कुमार की पत्नी पूनम, भोगी के पुत्र प्यारेलाल ने भी दम तोड़ दिया। इतना ही नहीं उसके बाद गांव के ही रविंद्र कश्यप उर्फ गुल्लू की पत्नी पुष्पा देवी की भी मौत हो गई। 15 दिन के अंदर हुई इन मौतों को लेकर न केवल मातम छा गया, बल्कि संक्रामक रोगों को वजह मानकर ग्रामीण घबराए दिखे।
ग्रामीणों का कहना है कि अभी 150 से अधिक बीमार हैं। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने इसका संज्ञान लिया। सीएचसी अधीक्षक मनीष राज शर्मा ने चार कर्मचारियों की टीम गांव भेजी। टीम ने गांव पहुंचकर लोगों की जांच के साथ ही मलेरिया टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल भी लिए। मरीजों को दवाएं भी वितरित की गई।