सुप्रीमकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी की जांच में वरिष्ठ अधिवक्ता अमित जैन को मिली क्लीनचिट
मुजफ्फरनगर। निलंबित अपर जिला जज संदीप गुप्ता व उनकी पत्नी नीरू अग्रवाल के द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में सुप्रीमकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी की निष्पक्ष विवेचना में वरिष्ठ अधिवक्ता अमित कुमार जैन को क्लीन चिट मिल गई है। प्रथम सूचना रिपोर्ट एक्सपंज एवं वादिनी के विरुद्ध झूठी रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के संबंध में 182 सीआरपीसी के तहत कार्यवाही की भी संस्तुति की गई है।
मुजफ्फरनगर के अपर जिला जज संदीप गुप्ता उनकी पत्नी नीरू अग्रवाल के द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता अमित कुमार जैन के विरुद्ध झूठे व बेबुनियाद आरोप लगाकर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी तथा वरिष्ठ अधिवक्ता अमित कुमार जैन के द्वारा अपर जिला जज एवं उनकी पत्नी नीरू अग्रवाल के भ्रष्टाचार के संबंध में ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ मुख्य न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय इलाहाबाद को शिकायत प्रेषित की गई थी। शिकायत के आधार पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद के द्वारा विजिलेंस जांच आरंभ की गई थी तथा विजिलेंस टीम के द्वारा जनपद न्यायालय मुजफ्फरनगर में आकर विभिन्न लोगों के बयान भी शिकायत के मामले में दर्ज किए गए थे तथा विजिलेंस के द्वारा अपनी रिपोर्ट उच्च न्यायालय इलाहाबाद को प्रेषित की गई थी, जिसमें अधिवक्ता अमित अमित कुमार जैन के द्वारा अपर जिला जज संदीप गुप्ता एवं उनकी पत्नी नीरू अग्रवाल के विरुद्ध उनके छोटे भई के अपहरण व हत्या के मामले में सजा के नाम पर पांच लाख रुपये दवाब बनाकर लेने के आरोप लगाए गए थे । झूठे व बेबुनियाद तथ्यों पर दर्ज कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट की सीबीआई जांच हेतु अधिवक्ता अमित कुमार जैन के द्वारा उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दायर की गई थी, जो माननीय उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर एसएसपी मुजफ्फरनगर को अपनी निगरानी में जांच कराए जाने के आदेश पारित किए गए थे, जिसके विरूद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता अमित कुमार जैन द्वारा सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली में एसएलपी दाखिल की गई थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के द्वारा उच्च न्यायालय सहित उत्तर प्रदेश राज्य आदि को नोटिस जारी काउंटर एफिडेविट दाखिल करने के आदेश दिए थे अगली तिथि 1 अगस्त 2022 को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सुनवाई करते हुए मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च न्यायालय इलाहाबाद से कोई जवाब दाखिल नही होने की दशा में 2 सप्ताह का समय उच्च न्यायालय को देते हुए काउंटर एफिडेविट तथा अपर जिला जज संदीप गुप्ता के विरुद्ध एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ दाखिल करने के आदेश पारित किए गए थे । अगली सुनवाई की तिथि से पूर्व ही उच्च न्यायालय ने अपर जिला जज संदीप गुप्ता को निलंबित कर दिया तथा सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय इलाहाबाद के द्वारा काउंटर एफिडेविट रजिस्टार जनरल के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करते हुए बताया गया कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद के मुख्य न्यायमूर्ति ने 4 अगस्त 2022 को तत्काल उच्च न्यायालय की एक प्रशानिक समिति की मीटिंग बुलाई गयी तथा उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति के द्वारा अपर जिला जज संदीप गुप्ता को अमित कुमार जैन के द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायत के आधार पर निलंबित कर मुजफ्फरनगर जिले से हटाकर मुरादाबाद जिले में अटैच कर दिया गया है, जिसकी विभागीय जांच मुरादाबाद जिले के प्रशासनिक न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह उच्च न्यायालय लखनऊ पीठ के द्वारा आरंभ कर दी गई है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति प्रशासनिक समिति के चेयरमैन भी होते है। इसके साथ साथ माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गंभीरता को देखते हुए डीजीपी उत्तर प्रदेश लखनऊ को आदेश पारित किया गया था कि मामले की जांच हेतु एक एसआईटी का गठन किया, जिसमें एक डायरेक्ट आईपीएस तथा एक एसएचओ व एक डिप्टी एसपी को नियुक्त किया जाए तथा साथ-साथ आदेश दिया कि मामले की निष्पक्ष व पारदर्शी विवेचना की जाए तथा 2 सप्ताह में गठित एसआईटी को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश भी दिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में डीजीपी उत्तर प्रदेश के द्वारा जिला गौतमबुधनगर के अपर पुलिस कमिश्नर आईपीएस अधिकारी लव कुमार को एसआईटी का प्रभारी नियुक्त किया गया तथा आलोक दुबे डिप्टी एसपी तथा इंस्पेक्टर संजीव कुमार विश्नोई को एसआईटी का सदस्य नियुक्त किया गया। एसआईटी टीम के द्वारा 1 सप्ताह तक जनपद मुजफ्फरनगर में डेरा डालकर जनता से निष्पक्ष विवेचना आरंभ की गई, जिसमें लगभग 42 लोगों के बयान दर्ज किए गए एसआईटी की संपूर्ण विवेचना में अपर जिला जज व उनकी पत्नी श्रीमती नीरू अग्रवाल के द्वारा अधिवक्ता अमित जैन के विरुद्ध झूठे व बेबुनियाद आरोप लगाकर जो प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई थी उसको गवाहों के बयानों वह सीसीटीवी फुटेज तथा बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग वे मोबाइल नंबरों की सीडीआर आदि के तहत एक्स्पंज करते हुए श्रीमती नीरू अग्रवाल के विरुद्ध झूठा मुकदमा दर्ज कराए जाने के आरोप के संबंध में 182 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई की संस्तुति भी की गई है ।