गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर महात्मा गांधी व राष्ट्र निर्माण विषय पर गोष्ठी
वाराणसी। महात्मा गांधी का राष्ट्र के निर्माण में अभूतपूर्व योगदान रहा है। यह कहना गलत नहीं होगा कि वर्तमान में वे पूरे विश्व में सत्य और अहिंसा के पर्याय बन चुके हैं। उन्होंने देश की अखंडता और एकता बनाए रखने के लिए अपने प्राणों तक की आहुति दे दी थी। उपरोक्त बातें गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय के सभागार में 'महात्मा गांधी' और 'राष्ट्र निर्माण' विषय पर आयोजित गोष्ठी के दौरान वक्ताओं ने कही। गोष्ठी का आयोजन प्रोफेसर हरिहरनाथ त्रिपाठी फाउंडेशन व काशी बौद्धिक मंच के तत्वाधान में किया गया।
कार्यक्रम के दौरान 80 गैर शैक्षणिक कर्मचारियों, पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को प्रशस्ति पत्र एवं अंगवस्त्रम देकर "गांधी स्मृति सम्मान" से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर मल्लिकार्जुन जोशी (पूर्व संकाय प्रमुख, विज्ञान संस्थान, बीएचयू) ने किया। कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर प्रोफेसर आरपी पाठक (पूर्व संकाय प्रमुख, सामाजिक विज्ञान संकाय), प्रोफेसर एनके दुबे, (पूर्व विभागाध्यक्ष, वनस्पति विज्ञान विभाग, बीएचयू), जेपी श्रीवास्तव (वरिष्ठ पत्रकार), प्रोफेसर सरफराज आलम (भूगोल विभाग, बीएचयू), प्रोफेसर अमरनाथ पासवान (राजनीति विज्ञान विभाग, बीएचयू) उपस्थित रहे। कार्यक्रम में डा. ओपी राय, राजेन्द्र तिवारी, संजीव सिंह, डा. पवन दूबे, विनोद, शिवकुमार, अजय चौहान, आरडी सोनकर, गौरव, योगेश संत, आदेश आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही। संचालन डा. क्षेमेन्द्र मणि त्रिपाठी (विधि संकाय, बीएचयू) ने किया।