विद्युतीय ट्रैक्शन का इतिहास एवं 2X25 केवी ट्रैक्शन सिस्टम विषय पर संगोष्ठी

Update: 2023-02-04 11:06 GMT
प्रयागराज। विद्युतीय ट्रैक्शन के गौरवशाली 98 वर्ष पूरे हो जाने पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता महाप्रबन्धक प्रमोद कुमार ने की। संगोष्ठी में भविष्य में आने वाले 2×25 केवी ट्रैक्शन प्रणाली पर विस्तृत चर्चा हुई। भारतीय रेल में सर्वप्रथम 03 फरवरी 1925 को मुम्बई वी.टी. से कुर्ला हार्बर के बीच 1500 वोल्ट डी.सी पर पहली विद्युत रेल गाड़ी चलाई गई जिसका बाद में मध्य रेलवे एवं पश्चिम रेलवे के उपनगरीय क्षेत्रों में विस्तार किया गया। स्वतंत्रता से पूर्व भारत में कुल 388 किमी डीसी ट्रैक्शन पर विद्युतीकृत था। 1961 में अंतर्राष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखते हुए 25 के.वी एसी सिस्टम को भारत में लाया गया। समय के साथ रेलवे विद्युतीकरण के अनेक कार्यों को आगे बढ़ाया गया और यह जरूरत महसूस हुई कि रेलवे विद्युतीकरण परियोजनाओं के लिए एक समर्पित और विशिष्ठ संस्था बनाई जाए। इस तरह केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण अस्तित्व में आया जो रेल विद्युतीकरण के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
वर्ष 2014 से पूर्व रेल विद्युतीकरण के कार्यों पर विशेष ज़ोर नहीं था। परन्तु 2014 के उपरान्त विद्युतीकरण में निहित लाभों के दृष्टिगत इस कार्य को प्राथमिकता के तौर पर लिया गया जिसके फलस्वरूप विद्युतीकरण के कार्यों में करीब 10 गुना की वृद्धि हुई । यह स्वच्छ पर्यावरण और ऊर्जा कुशल परिवहन के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही यह रेलवे के समूहिक प्रयासों की सफलता और अधिकारियों और कर्मचारियों की उच्च क्षमता को भी दर्शाता है। विद्युतीय ट्रैक्शन के गौरवशाली 98 वर्ष पूरे हो जाने पर रेल का 85% ब्रॉड गेज मार्ग विद्युतीकृत हो चुका है और बचे हुए शेष मार्ग को दिसम्बर 2023 तक पूरा किया जाना है। इस तरह विद्युतीय ट्रैक्शन के 100 वर्ष पूर्ण होने के पूर्व ही रेल का सम्पूर्ण ब्रॉड गेज नेटवर्क पूर्णतः विद्युतीकृत हो जाएगा जो देश के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा और देश की परिवहन व्यवस्था एवं आर्थिक प्रगति को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा।
Tags:    

Similar News

-->