पत्रकारिता के आदर्शो को समर्पित स्व. राधारमण शाण्डिल्य

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Update: 2023-02-01 10:28 GMT
उरई। पत्रकारिता के क्षेत्र में जनपद जालौन में राष्ट्रीय स्तर के अनेक पत्रकार पैदा हुए हैं, जिनमें ग्राम कोटरा निवासी "विश्वमित्र" तथा "एडवांस" के संपादक मूलचंद्र अग्रवाल ने कलकत्ता से दैनिक विश्वमित्र का प्रकाशन किया। दैनिक जागरण समूह के संस्थापक जयचंद्र आर्य व पूर्ण चंद्र गुप्त भी कालपी निवासी ही थे। प्रतिभा के धनी प्रसिद्ध शिक्षाविद, पत्रकार और साहित्यकार राधारमण शांडिल्य का जन्म जनपद जालौन के कोटरा ग्राम में 10 अक्टूबर 1934 को एक प्रतिष्ठित ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन से ही सहज,सरल , जीवनमूल्यों के पोषक और कर्तव्यनिष्ठ रहे। उनका मानना था कि " जीवन सुंदर ही नहीं, संघर्षवान भी है। जीवन में आपदाओं से भागना नहीं चाहिए बल्कि उनसे भिड़ना चाहिए। ऐसा करने से आदमी खरा व तपकर कुंदन जैसा निकलता है
उनका अपना संपूर्ण जीवन भी साधनामय रहा। उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान तक बनाई ही, जालौन सहित समूचे बुंदेलखंड को गौरवान्वित करने का श्रेय भी आपके हिस्से में जाता है। पत्रकारिता के विषय में शाण्डिल्य जी का कहना था , "आजादी के बाद से पत्रकारिता और पत्रकार दोनों की चारित्रिक विशेषताओं में अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिलता है। आजादी के बाद पत्रकारिता को व्यवसाय के तौर पर एक मुनाफे के धंधे के रूप में देखा और अपनाया जाने लगा। जिसके बाद पत्रकरिता ने कब मिशन से कमीशन तक का सफर तय कर लिया उसे खुद ही पता नहीं चला। आज पत्रकारिता में राष्ट्रवाद एवं देशभक्ति को संदेह की दृष्टि देखने और प्रस्तुत किए जाने का चलन चरम पर है। आज पत्रकारिता में निष्पक्ष, देशभक्त और राष्ट्रवादी पत्रकारों का नितांत अभाव सा हो गया है। पत्रकारिता और पत्रकार अपने लाभ के लिए देश विरोधी खबरें और बातें भी फैलाने से गुरेज नहीं करते। आज ज़्यादातर पत्रकार आजादी के पहले की मिशन पत्रकारिता से इतर स्वहित और स्वार्थ की पत्रकारिता करना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे पत्रकारों की फेहरिस्त काफी लंबी चौड़ी है।
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