विज्ञानी बोले, न हटे इवॉल्यूशन थ्योरी

Update: 2023-05-03 10:30 GMT

वाराणसी न्यूज़: एनसीईआरटी की तरफ से कक्षा-10 के कोर्स में कटौती के निर्णय के खिलाफ बीएचयू के विज्ञानी भी एकजुट हो रहे हैं. देशभर के 1800 वैज्ञानिकों ने कोर्स से चार्ल्स डार्विन की इवॉल्यूशन थ्योरी हटाने के विरोध में पेटीशन साइन कर एनसीईआरटी को भेजा है. बीएचयू के विज्ञानी भी इनमें शामिल हैं.

बीएचयू के जंतु विज्ञान विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रो. एससी लखोटिया ने कहा कि कक्षा-10 के कोर्स से यह हिस्सा हटाने पर बायोलॉजी पढ़ने वाले बच्चे आधारभूत जानकारी से वंचित हो जाएंगे. मानव विकास सिद्धांत हटाने से जीव विज्ञान विषय का मूल ढांचा प्रभावित होगा. इंसानों का विकास का मूल समझे बिना बच्चे आगे कैसे पढ़ेंगे. यह ऐसा है जैसे गणित से जोड़-घटाना ही हटा दिया जाएगा. प्रो. लखोटिया ने डार्विन सिद्धांत इंटरनेट पर उपलब्ध होने के एनसीईआरटी के तर्क पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह तो सबकुछ इंटरनेट पर उपलब्ध है मगर क्लासरूम रीडिंग और कोर्स में इन्हें सिलसिलेवार पढ़ाने की बात अलग होती है.

देशभर के 1800 वैज्ञानिकों और शिक्षकों ने एनसीईआरटी के इस फैसले के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है. केंद्र सरकार, शिक्षा मंत्रालय और एनसीईआरटी को भेजे इस पत्र में कक्षा-10 के कोर्स से ‘हेरिडिटी व इवॉल्यूशन’ के चैप्टर को हटाकर सिर्फ ‘हेरिडिटी’ यानी अनुवांशिकी करने पर विरोध जताया गया है. एनसीईआरटी ने कोविड के बाद कोर्स में इस बदलाव की घोषणा की थी. इसके पीछे कक्षा-10 के कोर्स को छोटा करने का तर्क दिया गया था.

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