लखनऊ न्यूज़: ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ कार्यालय में टेंपो परमिट नवीनीकरण के जुर्माने में गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट आ गई. रिपोर्ट में जुर्माने के नाम पर 72 लाख का घोटाला उजागर हुआ है. तीन सदस्यीय कमेटी ने जांच में आरटीओ कर्मी और टेंपो मालिकों से साठगांठ कर विभागीय राजस्व नुकसान पहुंचाने की बात कही है. अब आरटीओ को घोटाले की रकम वसूलने की जिम्मेदारी सौंपी गई.
सितंबर 2022 में दर्जनों वाहन स्वामी मिले जो जुर्माना भर चुके थे. पर, वर्षों बाद जुर्माना न जमा होने की नोटिस आरटीओ से भेजी गई. नोटिस देखकर गाड़ी मालिकों के होश उड़ गए थे. जांच शुरू हुई तो बाबुओं की करतूत खुली. जांच में छह बाबू संलिप्त पाए गए. इनके दबाव में नौ महीने तक जांच
रिपोर्ट दबी रही.
ऐसे किया गया खेल
आरटीओ परमिट अनुभाग के कर्मचारी टेंपो परमिट नवीनीकरण के नाम पर जुर्माना रकम मैनुअल काउंटर पर जमा करवाते थे. जबकि फीस परमिट अनुभाग में ऑनलाइन जमा होती थी.
● बाबुओं के दबाव में नौ माह दबा रहा घोटाला
● टेंपो मालिक, बाबुओं की साठगांठ से नुकसान
जांच रिपोर्ट में टेंपो मालिकों की मनमानी उजागर हुई है. उन्हें नोटिस भेज रिकवरी हो रही है. 50 गाड़ी मालिकों से वसूली हो चुकी हैं. - आरपी द्विवेदी, आरटीओ प्रशासन लखनऊ