मेरठ: सावन का सबसे खास व्यंजन है घेवर। अधिकतर लोग सावन में इसे खाना पसंद करते हैं। बरसात के मौसम में कई तरह के व्यंजन बनते हैं, लेकिन घेवर की बात की कुछ अलग ही है। आसमान में बादल और बरसात से भीगा मौसम ऐसे में घेवर की भीनी खुशबू लोगों को खूब भा रही है। सावन माह में बाजारों में मिष्ठान भंडार व हलवाइयों की दुकानों पर बन रहा घेवर और पहले से तैयार घेवर अपनी खुशबू से सभी का मन ललचा रहा है।
सावन का महीना शुरू होते ही बाजार में घेवर और गुजियों की सुगंध भी महकने लगती है। वहीं, दूसरी ओर सावन के माह में बेटियों व नवविवाहितों को सिंधारे के रूप में माता-पिता कपड़ों के साथ शगुन के रूप में घेवर व गुजियां भेंट करते हैं। सावन का महीना लगते ही सिंधारे शुरू हो गए हैं। जिससे देखते हुए घेवर व गुजियों का बाजार भी सजकर तैयार हो गया है।
सावन का महीना शुरू होते ही मन अठखेलियां करने लगता है। बारिश की रिमझिम फुहारें, पेड़ों पर पड़े झूले, महिलाओं द्वारा गाए जाने वाले सावन के गीत, हंसी ठिठौली और मुंह मीठा करने के लिए घेवर व गुजियों की मिठास। यह सब सावन में ही देखने को मिलता है। लोगों की पसंद को ध्यान में रखकर बाजार आने वाले त्योहारों के सीजन के लिए तैयार हो गया है। मिठाई की दुकानें भी सज गई है।
चॉकलेट फ्लेवर व कई तरह के घेवर की वैरायटी मौजूद
दुकानों पर कई प्रकार के फ्लेवर में घेवर को तैयार किया गया है। इसमें सादा व मलाई घेवर के साथ चॉकलेट घेवर को भी उतारा गया है। वहीं, बादाम, पिस्ता, केसर, रोज जैसी कई स्वादिष्ट वैरायटी भी मिठाइयों की दुकानों पर तैयार की जा रही है। सावन के महीने में सबसे ज्यादा खाई जाने वाली मिठाई घेवर ही होती है।
सावन शुरू होते ही इसे बनाने की तैयारी शुरू हो जाती है। देहली स्वीट के संचालक सोरब शर्मा ने बताया कि सबसे ज्यादा मलाई घेवर पसंद किया जाता है। वहीं, ड्राई घेवर की भी काफी डिमांड रहती है। मलाई घेवर की लाइफ दो दिन की ही होती है।
ये है रेंज
सादा घेवर 380
मलाई वाला घेवर 500 रुपये से 600 रुपये तक
आम घेवर 400 रुपये से 500 रुपये तक
शुगर फ्री घेवर 700 रुपये से 800 रुपये किलो तक
चॉकलेट घेवर 500 से 800 रुपये किलो तक