सऊदी का बाजार 'बासमती' की महक से महका, अफ्रीका और यूरोप में बजा भारतीय चावल का डंका

Update: 2023-01-05 09:50 GMT

मेरठ: भारतीय चावल की खुशबू से इस समय विश्व के कई बाजार महक रहे हैं। बासमती व गैर बासमती चावल दुनिया के विभिन्न मुल्कों में लोगों की खास पसंद बना हुआ है। सऊदी अरब के बाजारों में भी भारतीय बासमती चावल की धूम है। इसके अलावा अमेरिका, अफ्रीका व यूरोप के कई बाजारों में भारतीय चावल का डंका बज रहा है। आॅल इण्डिया एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार चावलों की कुछ किस्मों के निर्यात पर रोक के बावजूद विदेशी बाजारों में बासमती व गैरबासमती चावलोें की धूम है।

चालू वित्तीय वर्ष के प्रथम सात माह (अप्रैल से अक्टूबर) में भारतीय चावलों का वैश्विक बाजार बढ़ा है। इन सात महीनों में भारतीय चावलों का निर्यात 7.37 प्रतिशत बढ़कर लगभग 127 लाख टन पहुंच गया है। गौरतलब है कि पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि में यह निर्यात 118.25 लाख टन था। एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार चावलों की कुछ किस्मों के निर्यात पर रोक के बावजूद निर्यात बढ़ना भारतीय बासमती की खूबी को दर्शाता है। एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने अपनी रिपोर्ट में बासमती और गैर बासमती चावलों के निर्यात की स्थिति साफ करते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में अप्रैल से अक्टूबर तक बासमती चावलों का निर्यात बढ़कर 24.97 लाख टन हो गया.

जो एक साल पहले की समान अवधि में 21.59 लाख टन था। इसी अवधि के दौरान गैर बासमती चावलों का निर्यात 96.66 लाख टन से बढ़कर 102 लाख टन हो गया। बासमती चावल को मुख्य रुप से सऊदी अरब के अलावा अमेरिका व यूरोप के पारंपरिक बाजारों में भेजा गया जबकि गैर बासमती चावल का निर्यात मुख्य रुप से अफ्रीकी देशों में किया गया। चावल की घरेलू उपलब्धता को सुनिश्चत करने के लिए सरकार ने सितम्बर माह में टूटे हुए चावलों के निर्यात को प्रतिबन्धित कर दिया था। इसके अतिरिक्त गैर बासमती चावल पर 20 प्रतिशत सीमा शुल्क भी लगा दिया था।

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