कहा- मां की तरह करती थी देखभाल, वार्डन के तबादले पर फूट फूटकर रोई छात्राएं
स्कूल-कॉलेज के दिनों में अक्सर हमें वो टीचर या वार्डन सबसे ज्यादा याद रह जाते हैं जिनसे हमें अपनापन महसूस होता है। ऐसे टीचर और वार्डन अक्सर हमें जिंदगी भर की सुनहरी यादें देकर चले जाते हैं जो हमेशा हमें हमारे बचपन के सुनहरे दिनों की याद दिलाते हैं। इनसे हमें इतना प्यार मिला होता है कि हमारा इनसे एक अनजाना सा रिश्ता बन जाता है। ऐसा ही एक रिश्ता बन गया था मेरठ के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की लड़कियों और हॉस्टल वार्डन के बीच जो बिछड़े तो फूट फूटकर रोने लगे। दरअसल मेरठ के कस्बा खरखौदा स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की वार्डन के तबादले पर छात्राएं इस तरह फूटफूट कर रोई कि जिसने भी देखा उनकी आंखें भर आई। छात्राओं ने वार्डन से विद्यालय से रो-रोकर ना जाने की गुहार लगाई।
दरअसल कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में चार साल पहले प्रियांकर सिंह की नियुक्ति हुई थी। वार्डन का शनिवार को मेरठ ट्रांसफर का ऑर्डर आ गया। जैसे ही इसकी सूचना विद्यालय की छात्राओं को लगी तो छात्राओं ने वार्डन से तबादला रुकवाने की गुहार लगाई। तबादला न रुकने पर सोमवार जब वार्डन जाने लगी तो छात्राएं वार्डन से लिपटकर फूट फूटकर रोई और रोते हुए वार्डन को विदा करने के लिए मैन गेट तक आईं।
छात्राओं ने बातचीत में बताया कि मैडम ने शिक्षा देने के साथ- साथ रहने व खाने पर विशेष ध्यान दिया और अपने बच्चों की तरह प्यार दिया। वहीं वार्डन ने कहा कि नौकरी में तबादला प्रक्रिया चलती रहती है। छात्राओं के भावकु होने को लेकर उन्होंने कहा कि वो सब उनसे प्यार करती हैं और लगाव के चलते उन्हें रोना आया और वो उन्हें गेट तक छोड़कर आईं।