मेरठ न्यूज़: नौचंदी मैदान में हाईटेक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. यहीं से पूरे शहर पर नजर रखी जाएगी. करीब चार हजार वर्ग मीटर जमीन को पुलिस विभाग को देने की तैयारी चल रही है. करीब 17 सौ मीटर जमीन मिलने का रास्ता साफ हो गया है. जमीन को जिला पंचायत और पुलिस ने दोपहर खाली करा लिया है.
नौचंदी मैदान के पास करीब चार हजार वर्ग मीटर जमीन पर नगर निगम और जिला पंचायत के बीच मालिकाना हक को लेकर विवाद था. बाद में इस जमीन को पुलिस विभाग को देने पर सहमति बन गई थी. जमीन पर सेफ सिटी के लिए पुलिस का हाईटेक कंट्रोल बनाने का प्रस्ताव दिया गया जिस पर मुहर लग गई. इस जमीन को पुलिस विभाग को देने की तैयारी है. यहीं पर एसपी सिटी का एक ऑफिस बनाया जाएगा. जिला पंचायत और पुलिस टीम इसी जमीन पर पहुंचे थे. यहां बस स्टैंड संचालकों का सामान कार्यालय से बाहर रखकर इस कार्यालय पर सील लगा दी गई. जमीन के आधे हिस्से पर पुलिस ने कब्जा ले लिया.
खाली कराई बस अड्डे की जमीन
जिला पंचायत ने तिरंगा गेट के पास चल रहे प्राइवेट बस अड्डे को हटाकर जमीन खाली करा ली. एक अप्रैल को हुई बोर्ड बैठक में जिला पंचायत ने अपनी इस जमीन को एसपी सिटी के नए ऑफिस और मॉडर्न पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित करने के लिए पुलिस को उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को पास किया था. एसीएम सिविल लाइन संजय कुमार, नौचंदी थाना प्रभारी सुबोध कुमार और पुलिस बल की उपस्थिति में जिला पंचायत अभियंता एसके गुप्ता ने जमीन का कब्जा प्राप्त कर लिया.
तिरंगा गेट पर करीब चार हजार वर्ग मीटर जमीन पुलिस विभाग को देने की कार्रवाई चल रही है. जमीन पर सेफ सिटी के लिए हाईटेक कंट्रोल रूम, सिटी और जिला कंट्रोल रूम समेत आईटीएमएस ऑफिस शिफ्ट कराया जाएगा. यहीं एसपी सिटी का ऑफिस भी बनाने का प्रस्ताव रहेगा. जमीन पुलिस विभाग को मिलते ही कार्रवाई शुरू होगी.
- रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी मेरठ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त कराने के आदेश दिए हुए हैं, आदेश के अनुपालन और बोर्ड में पास प्रस्ताव के अनुसार जिला पंचायत ने अपनी जमीन को कब्जा मुक्त कराया है. इस जमीन पर मॉडर्न पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित होना है. जिला पंचायत अपनी बाकी जमीनों को भी कब्जा मुक्त कराएगा. अभियान जारी रहेगा.
गौरव चौधरी, अध्यक्ष जिला पंचायत मेरठ
संवेदनशील इलाका है हापुड़ रोड
हापुड़ रोड संवेदनशील इलाका है. सीएए हिंसा के दौरान यहां पुलिस पर हमला और फायरिंग की गई थी. 36 पुलिसकर्मियों को बंद कर जलाने की कोशिश की गई थी. इसके बाद से इसी जमीन पर पुलिस का बड़ा कमांड सेंटर बनाने का प्रस्ताव पूर्व आईजी मेरठ प्रवीण कुमार की ओर से शासन को भेजा गया था. इसी के तहत यह प्रक्रिया शुरू हुई और जमीन पुलिस विभाग को देने की कार्रवाई चल रही है.