नोएडा-ग्रेनो में 267 स्कूल बसें चलाने पर रोक लगाई

खतरनाक होने के कारण यह कार्रवाई की गई

Update: 2024-04-24 05:09 GMT

नोएडा: नोएडा-ग्रेटर नोएडा की 267 स्कूल बसें फिटनेस और परमिट न होने के कारण काली सूची में डाली दी गई हैं. ये बसें सड़कों पर नहीं चलाई जा सकती हैं. इन पर रोक लगा दी गई है. खतरनाक होने के कारण यह कार्रवाई की गई.

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में 19 स्कूल बस हैं. इनमें से 1352 स्कूल बसें दुरुस्त हैं और यही बस सड़कों पर दौड़ सकती हैं. वहीं, फिटनेस जांच न होने के कारण 2 स्कूल बसें काली सूची में डाल दी गई हैं. परमिट नवीनीकरण न होने के कारण 5 बसें काली सूची में डाली गई हैं. यह बसें सड़कों पर नहीं दौड़ सकती हैं. यदि दौड़ती पाई गई तो जब्त कर ली जाएंगी. इससे पहले 257 स्कूल बसें काली सूची में डाली जा चुकी हैं.

इन बसों की साल की समय सीमा पूरी हो चुकी थी. स्कूलों द्वारा इनका पंजीकरण निरस्त न करवाने के कारण परिवहन विभाग ने स्वंय रद्द करते हुए काली सूची में डालने की प्रक्रिया की थी. एआरटीओ प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा ने कहा कि बिना फिटनेस और परमिट के सड़कों पर दौड़ने वाली स्कूल बस खतरनाक हैं. फिटनेस जांच न होने के कारण बस दुर्घटनाग्रस्त हो सकती है और इसमें बैठी सवारियों और स्टाफ की जान जोखिम में पड़ सकती है.

उन्होंने कहा कि स्कूल बसें बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा मामला है. स्कूलों की जिम्मेदारी बनती है कि वे लापरवाही न बरतें और फिटनेस जांच और परमिट के बाद ही बसों को सड़क पर उतारें.

ई-रिक्शा और ऑटो में बैठाए जा रहे बच्चे: शहर की सड़कों पर दौड़ते ई-रिक्शा और ऑटो में भी स्कूली बच्चे बैठाए जाते हैं, जो गलत है. परिवहन विभाग के अनुसार ये वाहन बच्चों को ढोने के लिए नहीं हैं. इन वाहनों में ग्रिल आदि सुरक्षा के किसी भी मानक का पालन नहीं किया जाता है. इस कारण हादसा हो सकता है. एआरटीओ प्रवर्तन डॉ. उदित नारायण पांडे ने कहा कि स्कूली बच्चों को ढोने वाले ई-रिक्शा और ऑटो के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. इसमें वाहनों के चालान किए जाते हैं. वाहनों को जब्त भी किया जाता है.

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