कानपुर। सेन्ट्रल रेलवे स्टेशन और जीएमसी में काम करने वाले वेंडरों से भगवान के नाम पर चंदा वसूली का मामला प्रकाश में आया है। आरोप लगाया गया है कि प्रत्येक वेंडर से 2100 रुपए की रसीद काटी जा रही है। आरपीएफ के सिपाही चंदा वसूली से रेलवे पुलिस बल के साख पर बट्टा लगा रहे है। रेलवे के अधिकारी मामले की जानकारी होते ही मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। बतादें कि शुक्रवार को जन्माष्टमी है। आरपीएफ बैरक झकरकटी को इस मौके पर भव्य तरीके से सजाया जाता है। यहां की झांकी आकर्षण का केंद्र रहती हैं। लेकिन अबकी बार इस त्योहार की आड़ में अपनी जेब भी भरने का अनोखा तरीका अपनाया जा रहा है। जन्माष्टमी के मौके पर कानपुर सेंट्रल स्टेशन और जीएमसी में काम करने वाले वेंडरों से 2100 रुपए की रसीद कटवाई जा रही है। रसीद में बकायदा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आरपीएफ बैरक झकरकटी कानपुर की मोहर लगी है। वेंडरों का आरोप है कि आरपीएफ भगवान के नाम पर जबरन चंदा वसूली की जा रही हैं। इससे वेंडर काफी परेशान हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरी कब तक आरपीएफ स्टेशन और रेलवे स्टेशनों की छवि पर दाग लगाते रहेंगे।
बताया जाता है कि इस तरह की हरकत पकड़े जाने पर आरपीएफ दूसरे के सिर पर ठिकरा फोड़ देते हैं। अब यह चंदा वसूली का खेल आरपीएफ और जीएमसी प्रभारी की जानकारी में सब चल रहा था या फिर कुछ सिपाहियों की कारस्तानी है। अब यह पूरा प्रकरण जांच का विषय है। फिलहाल आरोप आरपीएफ पर ही है। बताया जाता है कि चंदा वसूली के खेल को रेलवे जीएम, जीएमएनसीआर, डीआरएम और सीटीएम व आरपीएफ के उच्च अधिकारी को ट्वीट पर जानकारी दी गई है। उन्होंने मामले की जांच कर कार्रवाई के आदेश दिये हैं। डिप्टी सीटीएम आशुतोष कहना है कि अधिकारियों के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है। आरपीएफ को ट्वीट किया गया मैसेज फारवर्ड कर दिया गया है। वह मामले की जांच की जा रही है। आरपीएफ कमाण्डर बुद्ध पाल सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में है। पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। एक दारोगा और दो सिपाहियों को जांच के लिए नियुक्त किया गया है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।