यूपी बोर्ड की परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों का टोटा, डीआईओएस ने लगाई फटकार
मेरठ: विश्व की सर्वाधिक छात्रों वाली यूपी बोर्ड परीक्षा में साफ सुथरी परीक्षा कराने के लिये शिक्षकों का टोटा दिख रहा है। सरकारी स्कूलों में इतने शिक्षक नहीं है जो हर सेंटर के हर कमरे में उपस्थित रहें। इसके लिये वित्त विहीन स्कूलों के शिक्षकों को ड्यूटी पर लगाया गया था, लेकिन इनके बीस फीसदी शिक्षक भी ड्यूटी देने को तैयार नहीं है। अब डीआईओएस ने संबंधित स्कूलों के मैनेजमेंट को फटकार लगाते हुए चेतावनी दी है कि अगर सुधरे नहीं तो मान्यता भी निरस्त की जा सकती है।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाएं शुरु हो गई हैं। हाईस्कूल में हिंदी का पहला बड़ा पेपर भी हो गया। कक्ष निरीक्षकों की कमी महसूस की गई। बोर्ड परीक्षा के लिये 3922 कक्ष निरीक्षक लगाए गए हैं। इतने शिक्षक एडेड स्कूलों में नहीं है। इसको लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक ने वित्त विहीन स्कूलों के 1600 शिक्षकों को ड्यूटी करने के लिये कहा था। सभी स्कूलों में इस बाबत पत्र भी जारी कर दिये गए थे।
अगर वित्त विहीन स्कूलों के शिक्षकों को हटा दिया जाए तो डीआईओएस के पास सिर्फ 2322 शिक्षक ही ड्यूटी देने के लिये बचेंगे। हैरानी की बात यह है कि डीआईओएस के समक्ष शिक्षकों का संकट आ गया है। वित्त विहीन स्कूलों से सिर्फ 320 शिक्षक ही ड्यूटी कर रहे हैं बाकी 1280 शिक्षक मौज ले रहे हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश कुमार ने स्ववित्तपोषित माध्यमिक विद्यालयों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को पत्र लिखकर नाराजगी जताते हुए कहा है कि स्कूलों की तरफ से सूचना मिल रही है कि वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षकों के द्वारा ड्यूटी नहीं दी जा रही है। जिस कारण कक्ष निरीक्षकों की समस्या पैदा हो रही है। कहा गया कि अपने अपने शिक्षकों को ड्यूटी के लिये अविलम्ब भेंजे नहीं तो मान्यता निरस्त कर दी जाएगी और इसके लिये उत्तरदायित्व स्कूल का होगा।
प्रश्न पत्रों की सुरक्षा व्यवस्था को कड़े इंतजाम शासन ने जारी किए निर्देश
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानि यूपी बोर्ड की ओर से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो चुकी है। परीक्षाओं में परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्रों की सुरक्षा एवं शुचिता के दृष्टिगत विशेष निगरानी एवं सतर्कता बरते जाने के आदेश शासन की ओर से जारी किए गए हैं। हाल ही में शासन की ओर से प्रश्नपत्रों के पूर्व प्रकटन की सम्भावनाओं को प्रत्येक दशा में समाप्त किए जाने के लिए जनपद में निर्धारित किए गए
सभी परीक्षा केंद्रों की प्रतिदिन परीक्षा समाप्ति के बाद देर रात्रि तक निगरानी करने के लिए स्वयं एवं आवश्यकतानुसार टीम गठित करके उनकी प्रभावी निगरानी कराकर यह सुनिश्चित किया जाए कि परीक्षा केंद्र के स्ट्रांग रूम पूर्णत: सील हैं तथा वे 24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी में हैं। इसके साथ ही स्ट्रांग रूम की चाबी शासन के निर्देशानुसार केंद्र पर तैनात स्टैटिक मजिस्ट्रेट की अभिरक्षा में सुरक्षित रखी जाए। प्रत्येक जनपद में उक्त निगरानी कार्यों की समीक्षा परिषद कार्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम से प्रतिदिन देर रात्रि तक की जायेगी। अत: प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के दृष्टिगत उक्त कार्रवाई में किसी प्रकार का विचलन न किया जाए।