कानपुर देहात। कानपुर-इटावा और झांसी हाईवे पर अनियमित तरीके से सड़क किनारे मालवाहक वाहन खड़े रहते हैं। हाईवे किनारे वाहनों की अवैध पार्किंग रोकने के लिए ठोस योजना तैयार नहीं होने से हादसों में गिरावट नहीं हो रही है।
हर हादसे के बाद निगरानी के निर्देश जारी होते हैं। दो-तीन दिनों तक सख्ती के बाद इसे फिर से नजरअंदाज किया जाने लगता है। वहीं, यातायात पुलिस और एआरटीओ प्रवर्तन की कार्रवाई चालान काटने व वाहन सीज करने तक ही रह जाती है।
जनपद से निकले कानपुर-इटावा हाईवे पर हर वर्ष करीब 800 और कानपुर-झांसी हाईवे पर करीब 900 से ज्यादा लोगों की जान जाती है। बढ़ते हादसों पर लगाम लगाने के लिए शासन ने सड़क किनारे खड़े होने वाले वाहनों की अवैध पार्किंग को बंद कराने के निर्देश दे रखे हैं।
इसके बाद भी इटावा-कानपुर व कानपुर-झांसी हाईवे के किनारे वाहन खड़े किए जा रहे हैं। रात के अंधेरे में यह वाहन नहीं दिखने से कई बार बड़े हादसे हो चुके हैं। सबसे ज्यादा माल वाहक वाहन और ओवरलोड वाहन भोगनीपुर क्षेत्र के हाईवे में खड़े होते हैं।
इसी तरह अकबरपुर क्षेत्र के बारा टोल से लेकर रनियां तक सर्विस रोड से लेकर हाईवे पर सड़क पर गिट्टी मौरंग से लदे ट्रक खड़े होते हैं। एआरटीओ प्रवर्तन की ओर से इन वाहनों के कागजात चेक किए जाते हैं। अगर कागज पूरे मिले तो नो पार्किंग में वाहनों का चालान काटकर अधिकारी अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ लेते हैं।
सक्रिय पेट्रोलिंग से वाहन चालकों पर लग सकती लगाम
दो हाईवे वाले जनपद में मालवाहक वाहनों को सड़क किनारे से हटाने के लिए पुलिस महकमे की ओर से पेट्रोलिंग पर जोर नहीं दिया जाता है। इसका असर है कि चालकों में पुलिस का डर नहीं दिखता है। लोगों का कहना है कि हाईवे पर खड़े होने वाले वाहनों को हटवाने के लिए पुलिस नियमित पेट्रोलिंग करे तो चालकों में कार्रवाई का डर दिखेगा। प्रभावी तरीके से वाहन का चलान करने के साथ अन्य कार्रवाई की जाए तो इस पर रोक लग सकती है।
हाईवे में सड़क किनारे खड़े होने वाले वाहनों के चालान काटे जा रहे हैं। चालकों को चेतावनी भी दी जा रही कि हाईवे किनारे ट्रक न खड़े करें। चालान काटने व वाहन सीज करने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।
हाईवे किनारे खड़े होने वाले भारी वाहनों के खिलाफ अभियान चल रहा है। हर दिन वाहनों को सीज और चालान करने की कार्रवाई की जाती है। वाहन चालकों को चेतावनी भी दी जाती है।