खरीद कर धान वापस करना किसानो को बर्बाद करने की साजिश है :माकपा

Update: 2022-12-24 16:29 GMT
भोपाल। प्रदेश की भाजपा सरकार प्रदेश के किसानों को बर्बाद करने की नई नई तरकीबें निकाल रही है। पिछले साल उत्तरी मध्य प्रदेश के तीन जिलों श्योपुर मुरैना और भिंड के किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीद कर तीन महीने बाद उसे वापस कर दिया था। अब वही हरकत भाजपा की शिवराज सिंह चौहान सरकार धान उत्पादक किसानों के साथ कर रही है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि कटनी के कलेक्टर ने तो किसानों से खरीदे हुए 589 मीट्रिक टन धान को फिर किसानो को वापस करने के निर्देश जिले की सभी सहकारी समितियों को दिए हैं। जाहिर है कि जब दो महीने से ज्यादा समय तक धान को खुले में रखकर वापस किया जाएगा उससे न केवल धान खराब हो चुका होगा बल्कि उसका वजन भी कम हो जाएगा।
माकपा ने कहा है कि लौटाये हुए धान को लेकर जब किसान मंडी में जाएंगे तो उन्हें उससे भी कम दाम मिलेंगे जितनी कीमत उन्हें धान की कटाई के बाद मंडी ले जाने पर मिलती।जसविंदर सिंह ने कहा है कि यह कैसे हो जाता है कि जब फसल खरीदी जाती हैतब मानक होती है और महीनो गुजर जाने के बाद किसानों को उनकी फसल का भुगतान करने की बजाय फसल को ही अमानक कह कर लौटा दिया जाता है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि यह सरकार की सोची समझी साजिश का हिस्सा है। ऐतिहासिक किसान आंदोलन के कारण भाजपा मंडिया तो बंद नहीं कर पाया है अब ऐसी परिस्थितियां पैदा कर रही है जिससे किसानों का मंडियो से विश्वास ही उठ जाए। जसविंदर सिंह ने मांग की है कि कटनी सहित प्रदेश के किसी भी जिले में किसानों का खरीदा हुआ धान या कोई भी फसल वापस न की जाए और उन्हें उनकी फसल का भुगतान किया जाए।
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