रिटर्न भरने वाले नौ साल में सात गुना बढ़े

राजस्व में भारी वृद्धि

Update: 2023-08-22 05:39 GMT

लखनऊ: यूपी आयकर रिटर्न फाइल करने की संख्या के पैमाने पर देश में दूसरा सबसे बड़ा राज्य बन गया है. आयकर रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. जून 2014 में जहां 1.65 लाख आयकर रिटर्न यूपी से होते थे भरे जाते थे, अब जून 2023 में इसकी संख्या बढ़कर 11.92 लाख हो गई

यूपी की आर्थिक तरक्की में कई नए आयाम जुड़ रहे हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अगस्त 2023 के मुताबिक अनुसार, बैंक व अन्य वित्तीय संस्थाओं से फंड आकर्षित करने के लिहाज से 16.2 निवेश में हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष स्थान पर है. आरबीआई की रिपोर्ट बताती है कि वित्तीय वर्ष 2013-14 के 1.1 के मुकाबले 15 गुना बढ़कर 2022-23 में यूपी ने बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थाओं से फंड जुटाने में 16.2 की वृद्धि दर्ज की है.

राजस्व में भारी वृद्धि

यूपी आज रेवेन्यू सरप्लस राज्य हो गया है. वर्ष 2016-17 में राज्य का कर राजस्व लगभग 86 हजार करोड़ था जो वर्ष 2021-22 में 01 लाख 47 हजार करोड़ से अधिक पहुंच गया.

सीएम की कोशिशें रंग लाने लगी हैं

यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का राज्य बनाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी की कोशिशें रंग लाने लगी हैं. तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ता के साथ अपनी ग्रोथ को बनाये रखने में सफल रही. वित्तीय वर्ष 2020-21 में जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) 16,45,317 करोड़ थी, जो 2021-22 में लगभग 20 की बढ़ोतरी के साथ 19,74,532 करोड़ हो गई है. वहीं, 2022-23 के लिए तैयार अग्रिम अनुमानों के आधार पर राज्य आय 21.91 लाख करोड़ से आंकलित हुई है.

नीति आयोग की रिपोर्ट राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक के अनुसार 2015-16 और 2019-21 के बीच जहां भारत मे रिकॉर्ड 13.5 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं तो वहीं उत्तर प्रदेश में गरीबों की संख्या में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुआयामी गरीबों के अनुपात में सबसे व्यापक गिरावट उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई है. बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान जैसे राज्यों का नंबर अब यूपी के बाद आता है.

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