सेवानिवृत्त दरोगा को बनाया शिकार, साइबर अपराधियों ने एप डाउनलोड कराकर खाते से निकाली रकम
साइबर अपराधियों ने इंटरनेट पर ठगी का जाल बिछा रखा है। आगरा के एक सेवानिवृत्त दरोगा इस जाल में फंस गए। इसके बाद साइबर अपराधियों ने उनके खाते से 44,439 रुपये निकाल लिए।
आगरा में साइबर अपराधियों ने ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बनकर सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक शीलेश सिंह यादव के खाते से 44,439 रुपये पार कर दिए। मोबाइल पर स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड कराकर इसे अंजाम दिया गया। उन्होंने साइबर क्राइम पोर्टल के हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की। इसके बाद थाना सिकंदरा में धोखाधड़ी और आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है।
शीलेश सिंह यादव शांति रेजीडेंसी दहतोरा के रहने वाले हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि फ्लिपकार्ट से एक प्लाजो खरीदा था। बाद में उसे रिटर्न करने के लिए 20 जून को कंपनी का कस्टमर केयर नंबर गूगल पर खोजा। उस पर कई बार कॉल किया, लेकिन रिसीव नहीं हुआ। बाद में सुबह 10:40 बजे एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि वह अमित त्यागी बोल रहा है।
एनी डेस्क एप कराया डाउनलोड
फोन करने वाले ने कहा कि वह कंपनी में सर्विस टीम एग्जीक्यूटिव है। इसके बाद रिटर्न निवेदन पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। उसने मोबाइल पर एनी डेस्क एप डाउनलोड कराया। इसके बाद मैसेज कराकर खाते से दो बार में 44,439 रुपये की ठगी कर ली। पता तब चला, जब बैंक का मैसेज आया। बाद में आरोपी ने अपना नंबर बंद कर लिया। साइबर क्राइम पोर्टल के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत की। मामले में थाना सिकंदरा में मुकदमा दर्ज किया गया है।
एप डाउनलोड नहीं करें
साइबर सेल के मुताबिक, साइबर अपराधी मोबाइल पर स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड कराते हैं। इसके बाद वे मोबाइल पर होने वाली हर गतिविधि को देख लेते हैं। इसलिए अनजान व्यक्ति के कहने पर स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड नहीं करें। गूगल पर कस्टमर केयर नंबर खोजते समय ख्याल रखें कि जो नंबर मिला है, वह कंपनी का है या नहीं। यदि कॉल करके रुपयों की मांग की जाती है, एप डाउनलोड करने को कहा जाता है, एटीएम कार्ड का नंबर, ओटीपी पूछा जाता है, तो समझ जाएं ठगी होने वाली है। जानकारी नहीं देनी चाहिए।