धर्म के आधार पर नहीं दिया जा सकता आरक्षण - सी एम योगी

Update: 2024-05-29 08:25 GMT
उत्तर प्रदेश :  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर से कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की पार्टियों ने संविधान का मजाक उड़ाया है। बीआर अंबेडकर की भावनाओं के खिलाफ जाकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जबरन संविधान में धारा 370 डाल दी। उन्होंने कहा कि आपातकाल के जरिए संविधान का गला घोंटने का काम कांग्रेस ने किया। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने लगातार कोशिश की कि एससी/एसटी और ओबीसी को मिलने
वाले आरक्षण में सेंध लगाकर इसका कुछ लाभ अल्पसंख्यकों
, खासकर मुसलमानों को दिया जाए।
योगी ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान तत्कालीन पीएम डॉ. मनमोहन सिंह का बयान मशहूर है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। समाजवादी पार्टी ने 2012 और 2014 के चुनाव में अपने घोषणापत्र में कहा था कि वह मुसलमानों को भी आरक्षण देगी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश पीएससी में 15% मुस्लिम आरक्षण की भी घोषणा की थी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने टीएमसी के फैसले को पूरी तरह से पलट दिया है और कहा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता।
भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि वे भारत में पर्सनल लॉ लागू करेंगे। यह देश बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के बनाये संविधान से चलेगा। ये देश पर्सनल लॉ या शरिया कानून से नहीं चलेगा। पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए और बीजेपी भारी बहुमत से सरकार बनाएगी। इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) को रामद्रोही बताते हुए कहा है कि लोकसभा चुनाव रामभक्तों और रामद्रोहियों के बीच है। एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि एक तरफ भगवान राम को नकारने वाले, रामभक्तों पर गोली चलवाने वाले, राम मंदिर को बेकार बताने वाले लोग हैं तो दूसरी तरह पांच सौ वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त कराकर प्रभु रामलला को उनके भव्य मंदिर में विराजमान कराने वाले लोग हैं।
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