दवा कालाबाजारी पर चेयरमैन से फैकल्टी इंचार्ज तक हटाए गए

Update: 2022-12-27 09:47 GMT

लखनऊ न्यूज़: सस्ती दवाओं की कालाबाजारी में 10 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के बाद केजीएमयू प्रशासन ने एक और बड़ी कार्रवाई की. हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड के सभी जिम्मेदार अफसरों को हटाकर उनकी जगह दूसरों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है. इसके आदेश जारी हो गए.

केजीएमयू में एचआरएफ के 14 स्टोर हैं. इसमें मरीजों को 30 से 70 फीसदी कम कीमत पर दवाएं दी जा रही हैं. 24 नवंबर को एसटीएफ ने छापेमारी कर दवाओं की कालाबाजारी का पर्दाफाश किया था. मरीजों के हक की दवाएं कर्मचारी बाजार में बेच रहे थे. इसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने जांच कमेटी गठित की थी. जांच में 10 कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध मिलने पर उन्हें निकाल दिया गया था.

बड़े पैमाने पर दवाओं की कालाबाजारी उजागर होने के बाद केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने एचआरएफ के अहम पदों पर तैनात जिम्मेदारों को हटा दिया है. इसमें चेयरमैन से फैकल्टी इंचार्ज तक हैं. एचआरएफ चेयरमैन अब प्लास्टिक सर्जरी अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार होंगे. फैकल्टी इंचार्ज फार्माकोलॉजी की डॉ. अनुराधा निश्चल होंगी. रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग डॉ. आनंद श्रीवास्तव को को-फैकल्टी इंचार्ज बनाया गया है. कई एचआरएफ स्टोरों पर पर अब स्थाई कर्मचारियों को तैनात करने की भी तैयारी है. विभागों के स्थायी फार्मासिस्टों का ब्योरा मांगा है.

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