चंबल के जलस्तर में रिकॉर्ड वृद्धि, इटावा के 18 गांवों पर संकट, धौलपुर के कई गांव डूबे

धौलपुर के कई गांव डूबे

Update: 2022-08-26 04:11 GMT

इटावा. कोटा बैराज द्वारा चंबल नदी में छोड़े गए अतिरिक्त पानी के कारण चंबल नदी उफान पर है. चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान 119.80 मीटर को पार कर नौ मीटर ऊपर 128.15 मीटर पर पहुंच गया है. 18 गांवों से मुख्यालय का संपर्क टूट गया है. इधर, यमुना नदी का भी जलस्तर 120.39 मीटर पर पहुंच गया है. चंबल की बाढ़ से प्रभावित 18 गांवों में रेस्क्यू का काम शुरू हो गया है. बाढ़ प्रभावित गांवों की बिजली काट दी गई है. चंबल के साथ ही यमुना में आई बाढ़ से करीब दो लाख की आबादी प्रभावित हुई है. प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम बुलाकर राहत कार्य में लगा दी है.

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक जलस्तर 46 सेमी. और बढ़ता है तो चंबल पिछले सारे रिकार्ड तोड़ देगी. 2019 में चंबल ने पिछले सारे रिकार्ड तोड़े थे और जलस्तर 128.53 मीटर तक पहुंचा था, जो अब तक का सबसे ज्यादा है. हरोली ,धरमपुरा गांव यमुना और चंबल नदी के बीच घिरे होने के कारण चारों ओर से पानी आ गया है. लोगों ने ऊंचे स्थानों पर आश्रय ले लिया है. जरूरतमंद लोगों को आवागमन के लिए प्रशासन ने डोगियों की व्यवस्था की है. भरेह गांव के लोगों ने ऊंचाई पर बने राजा रूप सिंह के किले में डेरा जमा लिया है.
चंबल में पानी की आवक को देखते हुए प्रशासनपूरी तरह से मुस्तैद है तथा हालात पर नजर रखी जा रही है. जिलाधिकारी लगातार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रह हैं. जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से बात कर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में चम्बल नदी में पानी की आवक जारी है, प्रशासन पूरे स्थिति पर नजर बनाये हुये है। ग्रामीण स्वयं भी सतर्क रहें, नदी के पास व जल भराव स्थानों पर न जायें. उन्होंने अधिकारियों को बाढ प्रभावित ग्रामीणों के लिए भोजन व दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. बाढ़ प्रभावित गांव में तत्काल चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा विभाग की रैपिड रेस्पॉन्स टीम का मुख्यालय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर करने के निर्देश दिए- उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि बाढ प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में गंभीर रोगो, मौसमी बीमारियों से ग्रसित पीड़ितों के उपचार हेतु चिकित्सा कर्मियों को आवश्यक दवाओं सहित मौके पर रहने के लिए पाबन्द करें. बीमारों, बुजुर्गाें व डिलीवरी डेट के जदीक गर्भवती महिलाओं को तत्काल प्रभाव से सुरक्षित स्थान अथवा पीएचसी सीएचसी पर भर्ती करवाने के निर्देश दिए. पशुपालन विभाग को पशुओं का टीकाकरण करवाने के निर्देश दिए.
इटावा: जल स्तर से जुड़े मुख्य बिंदु
-अब तक का सबसे अधिक रिकॉर्ड किया गया है चंबल नदी का जलस्तर.
-चंबल नदी का जल स्तर 128.73 पहुंचा.
-1971 में चंबल का जलस्तर 128.06 रह चुका है.
-20 सेंटी मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चंबल नदी का जलस्तर बढ़ रहा है.
-साल 2019 में 128.53 तक पहुंचा था जलस्तर.
-चंबल नदी का खतरे का निशान 119.80 है.
-करीब 50 के आसपास गांव की लाखो की आबादी हुई है चंबल की बाढ़ से प्रभावित.
-तमाम गांव से आवागमन के रास्ते हो गए बंद.
जिलाधिकारी लगातार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रह हैं.
धौलपुर जिले में भी कई गांव पानी में डूबे
इसी क्रम में राजखेड़ा क्षेत्र में जिला कलेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल स्थानीय विधायक रोहित बोहरा, पुलिस महानिरीक्षक भरतपुर रैंज गौरव श्रीवास्तव, जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने बुधवार को राजाखेडा इलाके के महदपुरा, गोपालपुरा, चीलपुरा, अण्डवापुरैनी, घड़ी का पुरा, पक्कापुरा, चाडियानकापुरा, बीजकापुरा, कमरसिंह का पुरा, कमरायन का पुरा, बक्शपुरा, शंकरपुरा, मठचिगोंरा, कठुमरा का दौरा कर हालात का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने सेना की नांव में बैठकर प्रभावित इलाकों का दौरा किया।


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