फर्जी रजिस्ट्रेशन पर पहुंच गए जेल छूट कर आए तो कराई एफआईआर

फर्जी रजिस्ट्रेशन

Update: 2023-08-17 05:21 GMT

गोरखपुर: रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के रहने वाले हेमंत कुमार त्रिपाठी के साथ फर्जी वाहन रजिस्ट्रेशन का मामला सामने आया है। हेमंत से पैसे लेकर जालसाजों ने उन्हें कूटरचित आरसी थमा दिया। 10 साल बाद वाहन चेकिंग के दौरान इंश्योरेंस न होने पर गाड़ी पकड़ी गई तब फर्जी रजिस्ट्रेशन का मामला सामने आया। पुलिस ने हेमंत की न सिर्फ गाड़ी सीज की बल्कि उन्हें जेल भेजवा दिया। जेल से छूट कर आए पीड़ित ने कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई। कोर्ट के आदेश पर शाहपुर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के चिलमापुर प्रताप नगर, शिवपुरी कालोनी के रहने वाले हेमंत कुमार त्रिपाठी ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-2 के कोर्ट में वाद दाखिल कर बताया कि 28 नवम्बर 2011 को उन्होंने बीआर हुंडई शोरूम से एक नई हुंडई इओन कार खरीदी थी। कार का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए वे आरटीओ ऑफिस सिविल लाइन पहुंचे। जहां उन्हें सिकरीगंज के बारीगांव निवासी अरिमर्दन सिंह उर्फ अरी सिंह पुत्र उपेंद्र सिंह और रवीद्र नाथ पांडेय मिले। दोनों ने कार के रजिस्ट्रेशन के लिए कागजात और पैसे लेकर खजांची चौराहे पर एक चाय की दुकान पर बुलाया। वहां पर कागजात और पैसे लेकर एक हफ्ते में रजिस्ट्रेशन करवाने की बात कही।

करीब 10 दिन बाद उन दोनों ने हेमंत को उसी चाय की दुकान पर बुलाकर गाड़ी का आरसी पेपर दे दिया। हेमंत ने बताया कि करीब 10 वर्ष बाद यानी 12 अगस्त 2021 को खजांची चौराहे पर इंश्योरेंस नहीं होने के कारण पुलिस ने गाड़ी का चालान करने के लिए मोबाइल ऐप से गाड़ी नम्बर चेक किया तो गाड़ी पर दर्ज नम्बर में वाहन और वाहन स्वामी कोई और था। बकौल हेमंत तब उन्होंने पुलिस को सारी बात बताई लेकिन पुलिस ने गाड़ी सीज़ कर हेमंत पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजवा दिया।

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