नगर निगम की सीमा में शामिल पुराने 206 गांवों के नक्शों को चूहों ने कुतरा
नगर निगम की सरकारी जमीनों को चिन्हित करना मुश्किल
लखनऊ: नगर निगम की सीमा में शामिल पुराने 206 गांवों के नक्शों को चूहों ने कुतर दिया है. ऐसे में यहां नगर निगम की सरकारी जमीनों को चिन्हित करना मुश्किल हो गया है. लम्बी चौड़ी फौज होने के बावजूद नगर निगम यहां न अवैध कब्जे चिन्हित कर पा रहा है, न उन्हें खाली करवा पा रहा है.
नगर निगम सम्पत्ति विभाग के रिकॉर्ड रूम में पूरे दिन चूहों की उछलकूद रहती हैं. यहां कोई भी दस्तावेज आलमारी में नहीं होने के चलते खुले में फाइलें और गांवों के नक्शे आदि रिकॉर्ड पड़े हैं. चूहों ने तमाम दस्तावेज कुतर कर बेकार कर दिए हैं तो कई जरूरी दस्तावेज दीमकों ने चट कर दिया है. करीब तीन माह पहले नगर निगम में दो दर्जन से ज्यादा लेखपालों, तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की तैनात कर नगर निगम की सरकारी जमीनों पर हुए अवैध कब्जे हटाने की कवायद शुरू की गई है. मगर अब पता चला कि जमीनों के दस्तावेज और नक्शे बदहाल हो गए हैं. करीब 206 गांवों के दस्तावेज चूहों और दीमकों से खराब हो गए हैं. इससे यह पढ़ने में नहीं आ रहे हैं. सम्पत्ति विभाग के रिकार्ड रूम का हाल देखा तो वहां की स्थिति काफी खराब मिली. जरूरी फाइलें खुले में रखी मिलीं और पूरे कमरे में चूहे दौड़ते दिखे.
इस मामले में डीएम कार्यालय से एलडीए को दस्तावेज नहीं मिला है. नगर आयुक्त ने 10 जनवरी, 29 जनवरी को डीएम कार्यालय को पत्र लिखा था. मगर उनके यहां से कोई दस्तावेज नहीं मिल सका. नक्शे की प्रतियां भी नहीं मिलीं. इसके बाद नगर आयुक्त ने 20 को राजस्व परिषद के आयुक्त-सचिव को पत्र लिखा है.
अब राजस्व परिषद से मंगाए जा रहे नक्शे-रिकॉर्ड
नगर निगम अब राजस्व परिषद से नए नक्शे मंगा रहा है. नगर आयुक्त डॉ. इन्द्रजीत सिंह ने राजस्व परिषद आयुक्त-सचिव को पत्र लिखकर 206 गांवों के नक्शों की प्रतियां मांगी हैं. नगर आयुक्त ने लिखा कि नगर निगम में मौजूद 206 गांवों के भूचित्र कटे फटे और जीर्ण शीर्ण हैं. इससे नगर निगम में निहित भूमियों पर हुआ अतिक्रमण हटाने में समस्याएं आ रही हैं. पैमाइश के समय भू-चित्र न उपलब्ध होने से भी दिक्कतें हैं. इससे अवैध कब्जे हटाने का अभियान सुचारू नहीं चल पा रहा है. राज्य सरकार को हानि हो रही है.