सत्ता के लालच में राम और रामचरित मानस का अपमान किया जा रहा है: राजपाल सिंह

Update: 2023-02-06 13:40 GMT

मुजफ्फरनगर: आदर्श कॉलोनी निकट भोपा स्टैंड मुजफ्फरनगर में हिंद मजदूर किसान समिति का ओबीसी मोर्चा द्वारा एक प्रेस वार्ता हुई। इस अवसर पर समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजपाल सिंह उपस्थित रहे।

उन्होंने बताया कि आज धर्म के नाम पर जो भगवान राम और रामचरितमानस का अपमान किया जा रहा है, ये घोर निंदनीय है। ये सब सत्ता के लालच के लिए गंदी राजनीति द्वारा रचा गया षडयंत्र है। जिससे यहां तालिबानी शासन हो जाए। इन्हें वास्तव में न तो हिंदुओं से कोई मतलब है न ही हिंदू धर्म से ये सब इनके द्वारा हमारे देश में तालिबानी शासन लाने के लिए रचा गया षडयंत्र है। ओबीसी पक्का हिंदू है। ये शुद्र का वास्तविक अर्थ कभी नहीं बताएंगे। परंतु हमारे अनुसार शुद्र का अर्थ है बच्चा और तारण का अर्थ है ध्यान देना। ये चाहे कुछ भी कहते रहे इन्हें वास्तव में न तो हमारी चिंता है न ही हमारे बच्चों की। इन्हें यदि चिंता है तो केवल अपनी कुर्सी की और अपने बच्चों की। अगर इन्हें हमारे बच्चों की थोड़ी भी चिंता होती तो ये शिक्षा एक समान और फ्री कराते या उसके लिए आवाज तो उठाते।

एक समान और फ्री शिक्षा का अर्थ है सारे प्राइवेट स्कूल बंद हों और केवल सरकारी स्कूल ही रहें। ये केवल राजनीतिक शुद्र बन रहे हैं। अगर इन्हें हमारी वास्तव में चिंता है न तो जैसे इनके बच्चे पढ़ते हैं वैसे ही हमारे बच्चे भी पढ़ें। जाति व्यवस्था यदुवंशियों अर्थात यादवों ने बनाई है। भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता के चौथे अध्याय के 13वें श्लोक में स्वयं कहा है कि ये चारों वर्ण मैंने बनाए हैं और अपने को यदुवंशी अर्थात यादव कहने वाले ही कह रहे हैं की हम शुद्र हैं तो फिर तो क्या भगवान श्री कृष्ण भी शुद्र हुए? अब तो केवल ये हो सकता है कि या तो ये यदुवंशी नहीं हैं या भगवान श्री कृष्ण यदुवंशी नहीं है। और आश्चर्य तो देखो इसमें गलती गोस्वामी तुलसीदास जी या रामचरितमानस की निकाल रहे हैं अरे भाई उनकी गलती कैसे हुई? या तो शुद्र का अर्थ सही से समझ लो या ये राजनीतिक यदुवंशी ये बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण यदुवंशी हैं या नहीं, इनके बाप दादा कहते रहे कि हम क्षत्रिय हैं ये कह रहे हैं हम शुद्र हैं। हमें तो ये इनकी चाल लगती है। केवल सत्ता प्राप्त करने के लिए ये हमारे बच्चों के भविष्य को दाव पर लगा रहे हैं। ये चाहते हैं कि हमारे देश में तालिबानी शासन आ जाए।हम पक्के और सच्चे हिन्दू थे, हैं और रहेंगे। हमारे अंदर से हिंदू धर्म को अलग करने को ये सब इनकी चाल है जिसे हम सफल नहीं होने देंगे। इन्हें बीजेपी का विरोध करना है करें हमें इससे कोइ मतलब नहीं।

हम भगवान राम के वंशज हैं भगवान राम कश्यप हैं क्योंकि भगवान राम की उत्पत्ति महर्षि कश्यप जी के वंश में हुई। हम सभी चाहे कश्यप हों, बालियान हों, कुशवाह हों, सैनी हों, लाठियां, ठाकरान, पाल इत्यादि सभी भगवान राम के वंशज हैं। यहां तक की भगवान रविदास जी भी चंवर वंश के थे और चंवर वंश सूर्यवंश है। हमें हिंदू धर्म ने ऊंच नीच में नहीं बांटा बल्कि विदेशी हमलावरों ने और इन भ्रष्ट नेताओं ने बांटा हैं अब हम और भगवान राम का और उनके ग्रंथ रामचरितमानस का अपमान नहीं होने देंगें। भगवान राम हमारे पुरखे हैं हमारे पिता हैं हम अपने पुरखे, अपने पिता का अपमान नहीं होने देंगें। इन लोगों ने जो हमारे पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस का अपमान किया है, इसका मुंहतोड़ जवाब 2024 चुनाव में दिया जाएगा। हम हिंद मजदूर किसान समिति का ओबीसी मोर्चा पूरे उत्तर प्रदेश में गांव-गांव में जाकर जागृति अभियान चलाएंगे।

हिंदू धर्म के सारे ग्रंथ एससी महापुरुषों ने लिखे चाहे वे वेदव्यास जी हों या महर्षि वाल्मिकी जी और हिंदू धर्म में जो भी अवतार हैं, चाहे वो श्रीराम हों या श्रीकृष्ण ओबीसी हैं। अगर गोस्वामी तुलसीदास जातिवादी होते तो भगवान रामचंद्र, जो की ओबीसी हैं, के आगे भगवान परशुराम को न झुकाते। इन लोगों का उद्देश्य केवल हिंदुओं को तोड़कर कमजोर करना, फिर यहां दूसरा पाकिस्तान बनाना है, इसलिए ओबीसी हिंदुओं को और मजबूती से एकजुट होना पड़ेगा।

इस अवसर पर विनोद, तेजपाल, धीर सिंह, रमन, प्रवीण, रजत, विकास, उपेंद्र, पदम सिंह, तपेंद्र, राहुल, अंकित, विजय, तरुण, शिवम, नवीन, रविकांत, दीपक, सोनू, अरविंद, मनोज इत्यादि उपस्थित रहे।

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