घंटाघर में सराफा कारोबारी के प्रतिष्ठानों पर छापा

जांच शुरू

Update: 2023-09-05 06:19 GMT

जांच शुरूगोरखपुर: सोने की तस्करी के आरोप में डीआरआई की टीम ने घंटाघर में ‘पंडित जी’ नाम से चर्चित प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की. पंडित मौके पर नहीं मिला. डीआरआई की टीम ने प्रतिष्ठान का शटर गिराकर दस्तावेजों की देर शाम तक जांच की. बताया जा रहा है डीआरआई की लखनऊ की टीम ने पंडित के दो आदमियों को बड़ी मात्रा में तस्करी के सोना के साथ पकड़ा है. इन्हीं से हुई पूछताछ के आधार पर टीम दस्तावेजों की जांच कर रही है.

लखनऊ डीआरआई के इनपुट के आधार पर जांच करने को स्थानीय इकाई के प्रभारी सुबह 10.30 बजे ही घंटाघर पहुंच गए थे. हरवंश गली में पंडित के प्रतिष्ठान पर टीम ने जांच शुरू की. बताया जा रहा है कि टीम के साथ पंडित का एक बेटा भी है. हालांकि पंडित प्रतिष्ठान पर नहीं है. उसके बारे में टीम के सदस्य जानकारी जुटाते दिखे. डीआरआई की टीम ने घंटाघर में पंडित के दो प्रतिष्ठानों से दस्तावेज को खंगाला. टीम खरीद-बिक्री के कागजों का मिलान कर रही है. उम्मीद है कि टीम किसी नतीजे पर पहुंचे. लखनऊ डीआरआई की टीम लगातार स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है. बता दें कि पंडित के दो आदमियों को लखनऊ डीआरआई की टीम ने सुल्तानपुर में बड़ी मात्रा में सोने के साथ पकड़ा है. दोनों सोने की डिलिवरी प्रयागराज में एक सराफा को देने जा रहे थे. टीम ने दोनों से पूछताछ की है. जिसमें सोना तस्करी से जुड़ी अहम कड़ियों की जानकारी मिलने का दावा किया जा रहा है.

पांच वर्षों में पंडित की तरक्की राकेट की रफ्तार से बढ़ी मूल रूप से प्रयागराज के रहने वाले पंडित पिछले ढाई दशक से हिन्दी बाजार में कारोबार कर रहा है. लेकिन पिछले पांच-छह वर्षों में पंडित ने तेजी से तरक्की की है. बताया जा रहा है घंटाघर में सोने और चांदी का रेट पंडित ही खोलता है. पिछले छह महीने में डीआरआई की टीम ने पटना, कुशीनगर से लेकर गोरखपुर में सोना तस्करों को पकड़ा है. इनसे पूछताछ में साफ हुआ है कि घंटाघर में आधा दर्जन सराफा कारोबारी तस्करी के खेल में संलिप्त है. पंडित का वास्तविक नाम क्या है, उनके करीबी कारोबारी भी नहीं जान रहे हैं.

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