लखनऊ। पैगम्बर ए इस्लाम मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन को याद करते हुए 2 महीने और 8 दिनों तक मुस्लिम में शिया समुदाय की ओर से मनाए जाने वाले ग़म के आखिरी दिन पुराने लखनऊ के मोहल्लों में चुप ताजिया का जुलूस अकीदत के साथ निकाला गया। बुधवार को नाजिम साहब के इमामबाड़े से निकाला गया चुप ताजिये का जुलूस नखास, बिलोचपुरा, मंसूर नगर होते हुए रौजा ए काजमैन में जाकर सम्पन्न हो गया। जुलूस से पहले नाजिम साहब के इमामबाड़े में मौलाना यासूब अब्बास ने मजलिस को खिताब कर कर्बला में हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के साथ शहीद किए गए उनके 72 साथियों की शहादत का दर्दनाक मंजर बयान किया। जुलूस सम्पन्न कराने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम में पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर लगातार हालात का जायजा लेते रहे और डीसीपी पश्चिम एस. चिनप्पा और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सहित पुलिस फोर्स जुलूस के पूरे रास्ते पर मुस्तैद रहे।