पीएचडी प्रवेश के नियमों के खिलाफ आक्रोश मार्च

Update: 2023-10-04 14:49 GMT
उत्तरप्रदेश |  पीएचडी प्रवेश की त्रुटिपूर्ण नियमावली के विरुद्ध लगातार सातवें दिन भी बीएचयू के आवेदक छात्र परीक्षा नियंता कार्यालय पर धरनारत रहे. विश्वविद्यालय प्रशासन के रवैये के खिलाफ उन्होंने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है. शाम उन्होंने आक्रोश मार्च निकाला. परीक्षा नियंता व यूनिवर्सिटी एकेडमिक काउंसिल बोर्ड के वाइस चेयरमैन की प्रतीकात्मक शवयात्रा भी निकाली.
छात्रों का कहना है कि हम विश्वविद्यालय में अपने शिक्षकों को अभिभावक तुल्य मानते है लेकिन इन्होंने पिछले सात दिन से हमें प्रदर्शनस्थल पर मरने छोड़ दिया है. प्रतिदिन धरनारत छात्रों की तबीयत बिगड़ती जा रही है लेकिन हमसे कोई बात करने नही आया. ऐसे में हमने इन प्रशासनिक अधिकारियों को मृत मानकर सांकेतिक रूप से अंतिम संस्कार किया.
ज्ञात हो कि पीएचडी प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय द्वारा नई नियमावली लाई गई है जिसको लेकर छात्रों में असंतोष है. धरने में शामिल छात्र अभिषेक उपाध्याय ने कहा कि नई नियमावली छात्र विरोधी है. हमने इसे अस्वीकार कर दिया है. कन्ट्रोलर ऑफ एक्जामिनेशन को 11सूत्री मांगपत्र दिया है जिसपर विश्वविद्यालय प्रशासन मौन है.
आक्रोशित छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय के नए नियम से आम अभ्यर्थियों का नुकसान होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि कतिपय ‘अपनों’ को लाभान्वित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है. आक्रोश मार्च में विकास, क्षितिज, शुभम, भीष्म, पतञ्जलि, आदित्य, अभिजीत, दिनेश, सौरभ, श्यामल, विवेक आनन्द, रणजीत, हर्ष, विपिन, सूर्यभ, अक्षय, दीपक, राजकुमार, गौरव, अमन, शिवम, प्रशांत राय समेत दर्जनों छात्र रहे.
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