मेरठ न्यूज़: योगी सरकार की नई उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति-2022 के अंतर्गत पहला संयंत्र भाजपा जिलाध्यक्ष विमल शर्मा के पैतृक गांव जीतपुर में लगाया जाएगा। जबकि बागपत के बरनावा में ऐसा ही एक बड़ा प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इन प्लांट के जरिये कृषि अपशिष्ट और मिलों की मैली, खोई आदि के जरिये बायो सीएनजी से लेकर एथनॉल तक बनाया जा सकेगा। ऐसे प्लांट प्रदेश की हर तहसील में लगाने की दिशा में प्रयास शुरू किए गए हैं। मेरठ और बागपत जनपद के यूपीनेडा परियोजना अधिकारी प्रमोद भूषण शर्मा ने बताया कि बीते दिनों लखनऊ में यूपीनेडा का एक सेमिनार आयोजित किया गया, जिसमें मेरठ से 15 उद्यमियों ने भाग लिया था। इस सेमिनार में प्रदेश सरकार की ओर से लागू की गई संशोधित जैव ऊर्जा नीति-2022 के बारे में विस्तार से बताया गया। योजना के अनुसार उत्तर प्रदेश में जैव ऊर्जा उद्योग लगाने के लिए सरकार प्रोजेक्ट लागत का 15 प्रतिशत अनुदान देगी। विद्युत कर में 10 साल तक की पूरी छूट मिलेगी। इसके साथ-साथ उद्योगों को कच्चे माल के रूप में नगरीय कचरे की नि:शुल्क आपूर्ति 15 साल तक होगी। सरकार की योजना के मुताबिक नगरीय ठोस कचरा, पशुधन अपशिष्ट, कृषि उपज मंडियों व चीनी मिलों के अपशिष्ट से बायो एनर्जी पैदा करने की अपार संभावनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा संयंत्रों पर दी जा रही सब्सिडी के अलावा 30 प्रतिशत सब्सिडी (अधिकतम 20 लाख रुपये की सीमा तक) प्रदेश सरकार की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा।
नई जैव इकाइयों को जिन्हें केंद्र या राज्य कहीं से भी कैपिटल सब्सिडी नहीं मिल रही है, उन नई जैव इकाइयों को प्रोजेक्ट लागत का 15 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। प्रमोद भूषण शर्मा ने बताया कि इस नीति को लागू करने के लिए यूपीनेडा को नोडल एजेंसी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि फ्यूल पर होने वाले विदेशी मुद्रा भंडार को देखते हुए यह स्वदेशी र्इंधन तैयार करने वालों के लिए विभिन्न प्रोत्साहन और सब्सिडी योजनाओं को शामिल किया गया है। 50 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली कंपनी को यूपीनेडा जरूरत पड़ने पर अधिकतम पांच किमी तक सड़क बनाकर देगी। भूमि न होने की स्थिति में मात्र एक रुपया प्रति एकड़ की दर से 30 साल के लिए लीज पर जमीन भी दी जाएगी। स्टांप ड्यूटी में छूट के साथ शहरी क्षेत्र में विकास शुल्क से भी छूट दिलाई जाएगी। प्रमोद भूषण शर्मा ने बताया कि जैव ऊर्जा के अंतर्गत कंप्रेस्ट बायोगैस, बायोकोल, बायो एथनॉल व बायो डीजल तक बनाया जा सकेगा।
इनके अलग-अलग चरणों के अनुसार इसमें प्लांट की लागत और विस्तार को देखते हुए सब्सिडी का प्रावधान रखा गया है। डीजल, पेट्रोल और गैस की बढ़ती कीमतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने बायो एथनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यह योजना लागू की गई है। उन्होंने बताया कि इसके लिए यूपीनेडा की ओर से पोर्टल भी लॉन्च कर दिया गया है। जिसमें सभी कार्य आॅनलाइन किए जा सकेंगे। अभी तक मेरठ जनपद में पहले प्लांट की प्रक्रिया सकौती मिल से मैली आदि की खपत को देखते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष विमल शर्मा के पैतृक गांव जीतपुर में लगाया जाएगा। इसके लिए मैसर्स आनन्द जैव उद्योग की ओर से पोर्टल पर पंजीकरण कराते हुए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं बागपज जनपद के ग्राम बरनावा में भी ऐसा ही प्लांट लगाने के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है।