इनामी सुशील फौजी ने कोर्ट में किया सरेंडर

Update: 2023-01-26 08:03 GMT

मेरठ: 25 हजार का इनामी सुशील फौजी ने बुधवार को न्यायालय अपर सिविल जज सीनियर डिविजन कोर्ट संख्या-छह मेरठ की अदालत में आत्मसमर्पण किया। जहां से न्यायालय ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। आरोपी सुशील फौजी के अधिवक्ता सुनील चिंदौड़ी ने बताया कि सुशील फौजी की मां गुड्डी ग्राम भदौड़ा की ग्राम प्रधान है।

गांव में ग्राम पंचायत की 14 बीघा जमीन पर खेल का स्टेडियम बनाना चाहती थी। जिसके बाद भदौड़ा गांव के निवासी इरफान पुत्र सईद ने वर्ष 2021 में आरोपी सुशील फौजी के खिलाफ घर में घुसकर मारपीट व धमकी देने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज करा रखी हैं। उसके बाद वर्ष 2022 में इरफान के पिता सईद पुत्र रमजान निवासी भदौड़ा ने अपराधिक धमकी देने के आरोप में सुशील फौजी के खिलाफ थाना रोहटा में मुकदमा दर्ज करा दिया था।

आरोपी तभी से फरार चल रहा था। जिसके बाद आरोपी पर पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। सुशील फौजी की वर्तमान में लद्दाख में तैनाती है, वह 19 से 25 जनवरी तक छुट्टी लेकर अपने घर आया था। जिसके बाद बुधवार को अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में सरेंडर किया।

न्यायालय ने अभियुक्त को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। वहीं, मुकदमा दर्ज कराने वाले इरफान ने कहा है कि फौजी के जेल जाते ही उसकी आत्मा को शांति मिली है, क्योंकि 14 महीनों से वो कैसे फौजी के आतंक के साये में जी रहा था। फौजी ने उसके परिवार का चैन छीन लिया था।

चकमा देकर किया सरेंडर: 25 हजार के इनामी जिस कुख्यात को पकड़ने के लिए एसटीएफ और एसओजी की टीम दिन रात एक किए हुए थी। आखिरकार उस 25 हजार रुपये के इनामी कुख्यात सुशील फौजी ने सभी को चकमा देते हुए कोर्ट में सरेंडर कर दिया। सुशील फौजी की कोर्ट में सरेंडर करने की सूचना पर पुलिस ने कचहरी परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया। सुशील फौजी को उसके अधिवक्ता ने कोर्ट में पेश किया। जहां उसे न्यायिक अभिरक्षा जेल भेज दिया गया।

बता दे मेरठ पुलिस को 25 हजारी कुख्यात सुशील फौजी की पिछले काफी समय से तलाश थी। सुशील फौजी को पकड़ने के लिए एसओजी की टीम ने लद्दाख में भी दबिश डाली थी, लेकिन सुशील कितना शातिर है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है। जहां-जहां सुशील की पोस्टिंग रही, वहां-वहां पुलिस पहुंची, लेकिन उससे पहले ही वहां से ये गायब हो जाता था। सुशील फौजी का अपने गांव में आतंक है और करीब 14 महीने से फरार चल रहा था।

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