बिल्डरों और खरीदारों को राहत देने की तैयारी
अमिताभ कांत समिति की प्रमुख सिफारिशें
नोएडा: बिल्डर-बायर्स को राहत देने के लिए बनी अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण प्रस्तुतिकरण देगा. होने वाली बैठक में प्राधिकरण इसके नफा-नुकसान की जानकारी देगा. बिल्डरों पर बकाया करीब पांच हजार करोड़ रुपये किस तरह से मिलेगा और खरीदारों को फ्लैट पर कब्जा और रजिस्ट्री किस तरह से करवाई जाएगी. बोर्ड के फैसले के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
केंद्र सरकार द्वारा गठित की गई अमिताभ कांत समिति ने बिल्डर और खरीदारों की समस्याओं को खत्म करने के लिए कई सिफारिशें की हैं. अब ये सिफारिशें शासन तक पहुंची तो उनको लागू करने पर विचार शुरू हो गया. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में भी बिल्डर-बायर्स मुद‘दा है. इसको लेकर अक्सर धरने प्रदर्शन होते रहे हैं. प्राधिकरण ने इन सिफारिशों को लागू करने से पहले इसके नफा-नुकसान का आकलन कर रहा है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक होनी है.
बैठक में प्राधिकरण इन सिफारिशों को लागू करने में होने वाली दिक्कतों और फायदों को बताएगा. बोर्ड की मुहर के बाद इस पर आगामी कार्रवाई की जाएगी. सीईओ एनजी रवि कुमार ने बताया कि बैठक में इस मुद‘दे पर चर्चा होगी.
प्राधिकरण ने 193 बिल्डरों को जमीन आवंटित की ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 193 बिल्डरों को जमीन आवंटित की है. इसमें 21 बिल्डर एनसीएलटी में चले गए. कुछ परियोजनाएं आईआरपी की निगरानी पूरी हो रही हैं. ऐसी परियोजनाओं पर नौ हजार करोड़ से अधिक का बकाया है. यह पैसा बकाया अभी लंबित हैं. प्राधिकरण को 96 बिल्डरों से 5094 करोड़ रुपये मिलने हैं. यह बकाया मिलने में आसानी है. अमिताभ कांत की सिफारिशों के लागू होने से इस बकाये पर क्या असर पड़ेगा, प्राधिकरण यह बताएगा. इन परियोजनाओं में करीब 1.25 लाख फ्लैट हैं. बताया जाता है कि करीब 30 हजार की रजिस्ट्री लंबित है.
● सोसाइटी में रहने वाले लोगों की रजिस्ट्री जल्द होगी. बिल्डरों के बकाया का असर रजिस्ट्री पर नहीं होगा.
● बिल्डरों को चार साल का जीरो पीरियड दिया जाए.
● बिल्डरों पर बकाया की गणना जून 2020 के बाद एसबीआई की एमसीएलआर दर से की जाए.
● बिल्डर अपने लिए कोडेवलपर खुद ला सकता है.
● अगर बिल्डर बकाया नहीं दे पा रहे हैं तो अपनी कुछ जमीन सरेंडर कर सकते हैं.
● प्राधिकरण बिल्डरों पर अपना बकाये का सत्यापन किसी एजेंसी से करवाए.
● बिल्डर किसी खरीदार से जुर्माना, अतिरिक्त कीमत या ब्याज नहीं वसूलेंगे.
● बिल्डरों को मॉर्गेज सर्टिफिकेट लेने के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा.
● प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए बिल्डरों को तीन साल मिलेंगे.
● सिफारिशों का लाभ लेने के 60 दिन बाद बिल्डर को बकाये का 25 प्रतिशत पैसा जमा करना होगा