यमुना एक्सप्रेस वे का नाम बदलने की तैयारी, Atal Bihari Vajpayee के नाम से मिलेगी पहचान
नई दिल्ली: यूपी की योगी सरकार अब यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expressway) का भी नाम बदलने जा रही है. मिली जानकारी के मुताबिक जल्द ही यमुना एक्सप्रेस-वे को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee Expressway) के नाम से जाना जा सकता है. 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के भूमि पूजन के लिए आ रहे हैं. इसी कार्यक्रम में यमुना एक्सप्रेस-वे का नाम बदलने की घोषणा की जा सकती है.
बता दें कि योगी सरकार ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं. 25 नवंबर को पीएम मोदी जेवर आ रहे हैं और देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट का भूमि पूजन करेंगे. इसके बाद मोदी एक बड़ी रैली को भी संबोधित करने वाले हैं जिसमें इस नाम के बदलाव की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएम योगी चाहते हैं कि पीएम द्वारा ही यमुना एक्सप्रेस वे के नए नाम की भी घोषणा की जाए. यमुना एक्सप्रेस वे का नाम बदल अटल बिहारी वाजपेयी एक्सप्रेस वे किया जाने का प्लान है.
बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक ये फैसला इसलिए किया जा रहा है जिससे भारत के सबसे महान और लोकप्रिय नेता को उचित सम्मान दिया जा सके. अटल बिहारी वाजपेयी को हर पार्टी का प्यार मिला है, हर किसी ने उन्हें पसंद किया है, ऐसे में आने वाली पीढ़ियों को भी उनकी महानता के बारे में पता चलना चाहिए. हालांकि जानकारों का मानना है कि यूपी चुनाव नजदीक है और ब्राह्मण वोट योगी सरकार से नाराज़ बताए जा रहे हैं. ऐसे में यमुना एक्सप्रेस वे का नाम बदल बीजेपी बड़ा दांव चलने जा रही है.
BJP को इस बात का एहसास है कि ब्राह्मण वोट काफी अहम हैं और दूसरी पार्टियां भी लगातार उन्हें लुभाने का प्रयास कर रही थीं. बता दें कि इससे पहले भी बीजेपी ने कई स्थल और अपनी योजनाओं को अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर शुरू किया है. अब यमुना एक्सप्रेस वे का नाम बदल भी वहीं सम्मान देने का प्रयास है. इस कदम के साथ ही बीजेपी ब्राह्मण वोट बैंक को साधने की कोशिश में है. 25 नवंबर को खुद पीएम मोदी देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट का भूमि पूजन करने जा रहे हैं. उस भूमि पजून के दौरान वे एक विशाल रैली को संबोधित करेंगे. पार्टी की माने तो उस रैली में ढाई लाख के करीब लोग शामिल हो सकते हैं.
वहीं 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन के बाद कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शुरू हुआ जबकि अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का काम प्रगति पर है जहां हवाई सेवाएं अगले साल की शुरुआत में शुरू होने की उम्मीद है. पांचवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में नोएडा के पास जेवर में बनना है. बयान के मुताबिक वर्तमान में उत्तर प्रदेश में आठ ऑपरेशनल एयरपोर्ट्स हैं. जबकि 13 हवाई अड्डे और सात हवाई पट्टी विकसित की जा रही हैं.
प्रदेश में कमर्शियल फ्लाइट्स को संभालने वाले हवाई अड्डे लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर, गोरखपुर, आगरा, कानपुर, प्रयागराज और हिंडन (गाजियाबाद) हैं. नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण पूरा होने के बाद यह देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा. इस हवाई अड्डे के पहले फेज में सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों की सेवा करने की क्षमता होगी और इसे 36 महीनों में पूरा किया जाना है.
यह एयरपोर्ट दुनिया की बेहतरीन और नवीन तकनीक से बनेगा. नोएडा इंटरनेशल एयरपोर्ट, जेवर पूरी तरह से डिजिटल होगा. इस एयरपोर्ट पर मुसाफिरों को कस्टमाइज्ड सुविधाएं मिलेंगी, यानी यात्रियों की जरूरत के हिसाब से सारी सुविधाएं दी जाएंगी. यह एयरपोर्ट अपनी श्रेणी में पहला नेट जीरो एमीशन एयरपोर्ट होगा जो एविएशन के लिए नए मानदंड स्थापित करेगा. गौरतलब है कि जेवर में एयरपोर्ट के लिए 6 गांवों के 5926 किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है. इन गांवों में रन्हेरा, रोही, पारोही, बनवारीवास, किशोरपुर, दयानतपुर गांव शामिल हैं. करीब 1,339 हेक्टेयर में बनाए जाने वाले इस हवाईअड्डे पर करीब 29,500 करोड़ रुपये की लागत आएगी.