झोलाछाप की दवा से गर्भस्थ शिशु की मौत, अस्पताल ने कूड़ेदान में फेंका शव

Update: 2023-08-07 12:23 GMT
बरेली/फरीदपुर। झोलाछाप की दी जुकाम की दवा खाने पर आठ माह की गर्भवती महिला की हालत बिगड़ी तो परिजन उसे निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उसने मृत बच्चे को जन्म दिया। अस्पताल स्टाफ ने मानवता का शर्मसार करते हुए शव कूड़ेदान में फेंक दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कूड़ेदान से बच्चे का शव निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। महिला के पति ने फरीदपुर थाने में मामले की तहरीर दी है।
फरीदपुर इलाके के गांव सरकड़ा में रहने वाले शिवम के मुताबिक उनकी पत्नी पूजा आठ माह की गर्भवती थी। शनिवार रात उसे जुकाम होने पर गांव के ही झोलाछाप से दवा लेकर खिलाई। रात में हालत बिगड़ने पर परिजन उसे लेकर फरीदपुर के निजी अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टर ने प्रसव कराया तो मृत बच्चे को जन्म दिया। मृत बच्चा पैदा होने पर अस्पताल स्टाफ ने उसे कूड़ेदान में फेंक दिया। जब शिवम ने पुलिस को तहरीर दी तो मौके पर पहुंची पुलिस ने अस्पताल स्टाफ से बच्चे के शव के बारे में पूछा तो उन्होंने कूड़ेदान से निकालकर सुपुर्द कर दिया। फरीदपुर इंस्पेक्टर दयाशंकर ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मामले में निजी अस्पताल की डॉक्टर का कहना है कि महिला को जब अस्पताल लाया गया था तब उसकी हालत काफी गंभीर थी। अल्ट्रासाउंड के बाद परिवार वालों को गर्भ में बच्चे की मौत के बारे में बता दिया था। उनकी सहमति पर ही प्रसव कराया गया।
शिशु के शव को कूड़ेदान में डालना मानवता को शर्मसार करता है। अस्पताल के स्टाफ ने निंदनीय कार्य किया है। सोमवार को खुद मौके पर जाकर जांच की जाएगी। इस तरह का कृत्य होना पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी - डॉ. अनुराग गौतम, सीएचसी अधीक्षक फरीदपुर।
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