Prayagraj: त्रिवेणी तट पर नागा साधुओं के अनोखे प्रदर्शन ने मोहा मन

"नागा साधुओं का अद्भुत प्रदर्शन इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण बना"

Update: 2025-02-03 06:24 GMT

महाकुंभ नगर: बसंत पंचमी के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 का अंतिम अमृत स्नान संगम तट पर श्रद्धालुओं की आस्था के महासंगम में बदल गया। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के मिलन स्थल पर लाखों श्रद्धालु पुण्य लाभ अर्जित करने पहुंचे, वहीं नागा साधुओं का अद्भुत प्रदर्शन इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण बना।

पांच करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान का अनुमान, अब तक 35 करोड़ ने लगाई डुबकी

अधिकारिक जानकारी के अनुसार, आज लगभग पांच करोड़ श्रद्धालुओं के त्रिवेणी संगम में स्नान करने की संभावना है। सुबह 8 बजे तक 62 लाख से अधिक श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके थे, जिससे महाकुंभ में अब तक स्नान करने वालों की कुल संख्या 35 करोड़ के करीब पहुंच चुकी है।

मौनी अमावस्या की भगदड़ से सबक, सुरक्षा चाक-चौबंद

मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ से सीख लेते हुए प्रशासन ने बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं को स्नान के तुरंत बाद गंगा तट से वापस भेजा जा रहा है। संगम क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश पूरी तरह निषेध किया गया है, किसी भी वीआईपी पास या प्रोटोकॉल को मान्यता नहीं दी गई है। सिर्फ पुलिस, प्रशासनिक वाहनों और एंबुलेंस को ही परिचालन की अनुमति है।

भीड़ नियंत्रण के लिए ड्रोन और सीसीटीवी की मदद

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को महाकुंभ क्षेत्र की विशेष निगरानी सौंपी गई है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम, ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों की सहायता ली जा रही है। प्रयागराज के अन्य घाटों पर भी श्रद्धालुओं को स्नान कर वहीं से वापस लौटने की हिदायत दी गई है।

नागा साधुओं का रोमांचक प्रदर्शन, आस्था में घुला जोश और उल्लास

त्रिवेणी तट पर नागा साधुओं की पारंपरिक और अद्वितीय गतिविधियों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। हेलीकॉप्टर से हो रही पुष्पवर्षा ने माहौल को और भी दिव्य बना दिया। अमृत स्नान के दौरान नागा साधुओं ने अपने शस्त्र कौशल, अनुशासन और परंपरा का भव्य प्रदर्शन किया।

डमरू की थाप पर नृत्य करते नागा साधु

भाले और तलवारें लहराते हुए युद्ध कला का अद्भुत प्रदर्शन

घोड़ों पर सवार नागा साधु, पारंपरिक वेशभूषा में शोभायात्रा

त्रिशूल और फूलों से सजे जटाधारी साधुओं की भव्य उपस्थिति

नागा संन्यासियों की शोभायात्रा ने पूरे कुंभ क्षेत्र में आस्था और ऊर्जा का संचार कर दिया। शोभायात्रा के दौरान श्रद्धालु, मीडिया और आमजन अपने कैमरों से नागा साधुओं की हर अदा को कैद करने में व्यस्त दिखे। कुछ नागा साधु काले चश्मे में नजर आए, तो कुछ ने श्रद्धालुओं से मुस्कुराकर संवाद भी किया।

स्नान के दौरान भी दिखा नागाओं का निराला अंदाज

जब नागा साधु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने पहुंचे, तो उनका उत्साह देखने लायक था। वे पूरे जोश के साथ पवित्र जल में उतरे और एक-दूसरे के साथ अठखेलियां करते नजर आए। इस दौरान महिला नागा संन्यासियों की भी बड़ी संख्या देखी गई। पुरुष नागाओं की तरह महिला नागा संन्यासी भी कठोर तप और साधना में लीन रहती हैं

महिला नागा संन्यासिनी बनने की कठिन प्रक्रिया

महिला नागा संन्यासी बनने के लिए उन्हें अपने परिवार से पूरी तरह विरक्त होना पड़ता है। यह प्रक्रिया पिंडदान से शुरू होती है, जिसके बाद ही वे नागा संन्यासिनी बनने की पात्र होती हैं। इन साध्वियों का जीवन भी धर्म और सनातन की रक्षा के लिए समर्पित रहता है।

महाकुंभ 2025: नागा साधुओं की भव्यता से यादगार बनेगा आयोजन

इस महाकुंभ में हर कोई नागा संन्यासियों के बारे में अधिक जानने को उत्सुक नजर आ रहा था। नागा साधुओं के शौर्य, साधना और भक्ति ने इस महाकुंभ को ऐतिहासिक बना दिया। उनके जोश, अनुशासन और आत्मिक ऊर्जा ने यह संदेश दिया कि महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि प्रकृति और मनुष्य के मिलन का एक अनूठा पर्व है।

महाकुंभ 2025 का यह आयोजन नागा संन्यासियों की विशिष्ट परंपराओं और उनकी अद्वितीय आस्था के कारण लंबे समय तक श्रद्धालुओं की स्मृतियों में बसा रहेगा।

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