Prayagraj: खालसों ने मेला प्रशासन पर नाराजगी जाहिर की

"पंडाल न दरी ये कैसी महाकुम्भ की तैयारी"

Update: 2025-01-03 04:57 GMT

इलाहाबाद: एक ओर अखाड़ों के संतों को बेहतरीन जमीन और सुविधा, बड़े-बड़े मंच और जर्मन हैंगर पंडाल की व्यवस्था तो दूसरी ओर खालसों को केवल जमीन देकर महाकुम्भ मेला प्रशासन अपना पल्ला क्यों झाड़ रहा है. मेला प्रशासन पर खालसों ने नाराजगी जाहिर की है. महाकुम्भ मेला क्षेत्र के त्रिवेणी मार्ग स्थित तेरह भाई खालसा के शिविर में संतों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मेला प्रशासन पर आरोप लगाए.

संत सेवार्थ संघ के अध्यक्ष महामंडलेश्वर राम लखनदास त्यागी ने कहा कि इस शिविर में पांच हजार संत रहते हैं. भंडारा शुरू हो चुका है, प्रशासन के तमाम कर्मचारी यहां प्रसाद पाते हैं. इसके बाद भी संतों की सुनवाई नहीं हो रही है. यहां जमीन तो दी गई, लेकिन एक पंडाल तक नहीं दिया गया. जिसमें संत इस कड़ाके की ठंड में ठहर सकें. जो शौचालय दिया गया है वो टीन के घेरे में नहीं है. कपड़े के पर्दे में शौचालय से बहुत परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि अफसरों से कहने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है. वहीं महंत राम स्वरूप दास ब्रह्मचारी ने कहा कि बसंत पंचमी पर इसी शिविर से धूना उठाया जाता है, यह मेले के आकर्षण का केंद्र रहता है. जब प्रशासन सभी संतों को सुविधा दे रहा है तो खालसों को क्यों नहीं. इस दौरान लाल बाबा, महंत गोपाल दास आदि संत मौजूद रहे.

संतों ने रखी ये मांगें:

● सभी महंतों को एक-एक पंडाल बनाकर दिया जाए.

● शिविर में एक बड़ा पंडाल बनाया जाए, जहां लोग ठहर सकें.

● टीन घेरे वाले शौचालय बनाकर दिए जाएं, जिससे परेशानी न हो.

● प्रकाश, पेयजल के लिए पर्याप्त प्रबंध कराया जाए.

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