Prayagraj: भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक आज संगम स्नान करेंगे
"सीएम योगी आदित्यनाथ भी होंगे साथ"
प्रयागराज: भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक मंगलवार को संगम में डुबकी लगाएंगे। इनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रहेंगे। मुख्यमंत्री भूटान नरेश के स्वागत के साथ बुधवार को प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा भी करेंगे।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियां देखेंगे सीएम: भूटान नरेश को बमरौली एयरपोर्ट से विदा करने के बाद मुख्यमंत्री दोबारा हेलिकॉप्टर से अरैल पहुंचेंगे। इसके बाद वह सेक्टर 15 स्थित अखिल भारतीय संत समागम निवास पंडाल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद सेक्टर छह स्थित श्री रामभद्राचार्य शिविर में जाएंगे और वहां करीब 15 मिनट रहेंगे। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संगम स्नान का कार्यक्रम प्रस्तावित है। इनके अलावा 10 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कार्यक्रम भी प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों को भी परखेंगे। इसके अलावा महाकुंभ की तैयारियों को भी देखेंगे। इन कार्यक्रमों के बाद मुख्यमंत्री करीब पांच बजे अरैल से लखनऊ के लिए रवाना होंगे। इस तरह से मुख्यमंत्री मंगलवार को करीब सात घंटे महाकुंभ नगर में रहेंगे।
भूटान नरेश अक्षयवट और हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे: संगम स्नान और पूजन के बाद भूटान नरेश अक्षयवट और हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे। इसके बाद बड़े हनुमान मंदिर के पास ही स्थित डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र का अवलोकन करेंगे। वहां से अरैल स्थित त्रिवेणी शंकुल जाएंगे। भूटान नरेश करीब ढाई बजे बमरौली एयरपोर्ट पहुंचेंगे और वहां से करीब तीन बजे रवाना होंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे।
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक का सीएम करेंगे स्वागत: भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक मंगलवार को संगम में डुबकी लगाएंगे। इनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रहेंगे। मुख्यमंत्री भूटान नरेश के स्वागत के साथ बुधवार को प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा भी करेंगे। भूटान नरेश विशेष विमान से लखनऊ से करीब 10:10 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर उतरेंगे। बमरौली एयरपोर्ट पर पहले से मौजूद मुख्यमंत्री उनका स्वागत करेंगे। वहां से हेलिकॉप्टर से वे लोग अरैल पहुंचेंगे। इसके बाद क्रूज से किला घाट जाएंगे। फिर संगम नोज पर स्नान करेंगे।
महाकुंभ के तीसरे और आखिरी शाही स्नान में रात आठ बजे तक 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाई। इसके साथ अब तक 37.54 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। वसंत पंचमी पर पूरी दुनिया एक तट पर एकता के महाकुंभ को परिभाषित करती रही। इस अनंत प्रेम, बंधुत्व के प्रवाह का संत-भक्त, कल्पवासी सभी साक्षी बने। रात 12 बजे के बाद से ही वसंत की डुबकी लगने लगी। पांच बजे भोर में संगम जाने वाले अखाड़ा मार्ग के दोनों तरफ व वॉच टावर से लेकर संगम अपर और संगम लोअर मार्ग के दोनों ओर की चकर्ड प्लेट सड़कों की पटरियों पर तिल रखने की जगह नहीं बची। त्रिवेणी पांटून पुल से संगम जाने वाले मार्ग पर ढोल, ताशे के बीच शाही सवारियों का हर किसी को इंतजार था। चाहे लाल मार्ग हो या काली मार्ग या फिर त्रिवेणी मार्ग, हर तरफ से लोग झूमते, ठिठकते संगम में डुबकी लगाने पहुंचे। अब 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा स्नान है।