Pratapgarh: जमीन विवाद के कारण मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का काम शुरू नहीं हो पाया

जेवर एयरपोर्ट शुरू होने तक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल शुरू नहीं हो पाएगा

Update: 2024-07-19 04:13 GMT

प्रतापगढ़: जेवर एयरपोर्ट शुरू होने तक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल शुरू नहीं हो पाएगा. ट्रॉमा सेंटर बनने की उम्मीद है. जमीन विवाद के कारण मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का काम भी शुरू नहीं हो पाया है. महीने से इसका निर्माण रुका है. वहीं ट्रॉमा सेंटर का काम चल रहा है. नों अस्पताल दिसंबर में बनकर तैयार होने थे.

यमुना क्षेत्र के सेक्टर-22 ई में पिछले साल महीने में 100 बेड का ट्रामा सेंटर और इतने ही बेड के मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के निर्माण के लिए शिलान्यास किया गया था. नों अस्पताल 24 हजार वर्ग मीटर में बनने हैं. ट्रॉमा सेंटर का काम तो चल रहा है, लेकिन जब मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ तो किसानों ने जमीन विवाद सहित अन्य मुद्दों को लेकर काम रुकवा दिया. महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी काम शुरू नहीं हो पाया है. किसानों का कहना है कि मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के लिए निर्धारित जमीन में से करीब सात हजार वर्ग मीटर आबादी की जमीन है. इसके बाद वहां काम रुकवा दिया.

काम रोके जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने यमुना प्राधिकरण को पत्र लिखकर विवाद निपटाने की बात कही, लेकिन अभी तक विवाद बना हुआ है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि इस संबंध में प्राधिकरण को पहले ही पत्र लिखा गया था. यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों से भी बातचीत हुई है. जल्द ही विवाद खत्म करने का आश्वासन मिला है. विवाद खत्म होते ही काम शुरू कर दिया जाएगा.

इस साल ट्रॉमा सेंटर बनकर तैयार हो जाएगा: दिसंबर तक ट्रॉमा सेंटर बनकर तैयार हो जाएगा. इसका काम तेजी से चल रहा है. इसके लिए पूरा बजट भी पहले ही आ गया था. जिले में अभी तक कोई ट्रॉमा सेंटर नहीं है. लिहाजा इसके शुरू होने से दुर्घटना में घायलों के साथ ही अन्य गंभीर बीमारियों का इलाज हो पाएगा. इस तरह के इलाज के लिए जिले के लोग दिल्ली के सरकारी अस्पतालों पर या निजी अस्पतालों पर निर्भर हैं.

आसपास के जिलों को फायदा होगा: ट्रॉमा सेंटर बनने से आसपास के जिलों को भी इसका फायदा होगा. गौतमबुद्धनगर के अलावा मथुरा, आगरा, अलीगढ़, बुलंदशहर आदि जिलों के लिए यह नजदीकी ट्रॉमा सेंटर होगा. अभी इन जिलों के लोग दिल्ली के एम्स, आदि सरकारी अस्पतालों पर निर्भर हैं. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ही एक्सप्रेसवे हैं, जिसपर प्रत्येक दिन करीब 10 बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं. ट्रॉमा सेंटर और मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का संचालन स्वास्थ्य विभाग ही करेगा. नों अस्पताल बनने के महीने के अंदर यहां सभी सुविधाएं शुरू करा दी जाएंगी.

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