Pratapgarh: प्रदूषण जांच न कराने पर बीते वर्ष से इस बार दोगुने चालान कटे

"वाहन चालकों में सुधार नहीं"

Update: 2024-12-18 07:32 GMT

प्रतापगढ़: सख्ती और अधिक प्रदूषण के बावजूद वाहन चालकों में सुधार नहीं है. यही कारण है कि बिना प्रदूषण जांच सड़कों पर अधिक वाहन दौड़ते पकड़े जा रहे हैं. परिवहन विभाग के अनुसार बीते साल की तुलना में इस बार तक दो गुना से अधिक चालान प्रदूषण जांच न कराने पर किए गए.

परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम वाहनों की जांच करती है और नियमों के उल्लंघन पर चालान करती है. ग्रैप लागू होने के दौरान सख्ती अधिक बढ़ जाती है. एआरटीओ प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा ने कहा कि वर्ष 2022 में 1156 वाहनों के चालान प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र नहीं होने के कारण किए गए थे. बीते साल यह संख्या 1663 थी. इस साल 30 तक 3582 वाहनों के चालान किए गए. सबसे अधिक चालान में हुए.

उन्होंने कहा कि वाहन चालकों को खुद जिम्मेदारी समझते हुए वक्त पर गाड़ी की प्रदूषण जांच करानी चाहिए. चालकों की लापरवाही से प्रदूषण फैलता है और यह बाकी लोगों के साथ-साथ चालक और उनके परिवार की सेहत के लिए भी खतरनाक साबित होता है. बिना प्रदूषण जांच वाहन दौड़ाने पर 10 हजार रुपये का चालान किया जाता है. वहीं, जांच शुल्क काफी कम है. लोग प्रदूषण जांच केंद्रों पर अपने वाहन को ले जाकर आसानी से जांच करा सकते हैं. जिले में 100 से अधिक प्रदूषण जांच केंद्र हैं. इनमें अधिकतर प्रदूषण जांच केंद्र पेट्रोल पंप परिसर में हैं.

वाहनों के आधार पर जांच शुल्क निर्धारित प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र शुल्क वाहन और उसमें इस्तेमाल होने वाले ईंधन के प्रकार के आधार पर निर्धारित है. प्रमाणपत्र प्राप्त करने के शुल्क अलग-अलग होते हैं. यह शुल्क कारों के लिए 60 से 100 रुपये और दोपहिया वाहनों के लिए लगभग 30 से 50 रुपये के बीच होता है.

50 फीसदी लोगों ने ही जमा की चालान राशि परिवहन विभाग के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र नहीं होने पर 358.20 लाख रुपये के चालान किए गए. इसमें 117 लाख रुपये बतौर चालान राशि वसूली गई. जो लोग इसे नहीं जमा करेंगे, उनके चालान को अदालत में भेज दिया जाएगा. वहीं पर लोगों को चालान जमा करना होगा.

नियम तोड़ने पर सख्ती: प्रदूषण के बढ़ते स्तर से सरकार भी परेशान है. यही वजह है कि नियम को तोड़ने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जा रही है. वाहन चलाते समय प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र नहीं है तो पुलिस, परिवहन विभाग और यातायात पुलिस 10 हजार रुपये का चालान काट सकती है.

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